वोकेशनल ट्रेनर्ज़ को हर महीने दें सैलरी, समग्र शिक्षा विभाग ने दी हिदायत, नहीं तो रद्द होगा एमओयू

By: Jul 6th, 2020 12:05 am

समग्र शिक्षा विभाग ने कंपनियों को दी हिदायत, नहीं तो रद्द होगा एमओयू

शिमला – प्रदेश समग्र शिक्षा विभाग ने वोकेशनल शिक्षा देने वाले ट्रेनर के  वेतन को लेकर बड़ा फैसला लिया है। समग्र शिक्षा विभाग ने राज्य में जो पांच कंपनियां वोकेशनल शिक्षा में हिमाचल के साथ जुड़ी हैं, उनको साफ कहा है कि हर माह वोकेशनल ट्रेनर को समय पर वेतन दिया जाए। समग्र शिक्षा विभाग ने साफ किया है कि अगर अब हर माह वोकेशनल ट्रेनर को वेतन नहीं दिया गया, तो ऐसे में कंपनी के साथ एमओयू रद्द कर दिया जाएगा। दरअसल लॉकडाउन के बीच लगभग तीन माह से वोकेशनल ट्रेनर का वेतन रुका है। एसएसए के अनुसार लगभग सभी कंपनियों को बजट जारी कर दिया गया है। कुछ एक कारणों की वजह से कंपनी को बजट नहीं गया था, लेकिन अब उसे भी भेज दिया है। एसएसए ने वोकेशनल शिक्षा के लिए हिमाचल में जो कंपनिया कार्य कर रही हैं, उन्हें हिदायत दी है कि अब इस संकट की घड़ी में किसी भी ट्रेनर की सैलरी न रोकी जाए। बता दें कि प्रदेश समग्र शिक्षा विभाग से हर प्राइवेट कंपनी को चार करोड़ के बजट की ग्रांट जारी होती है। वहीं हर साल 45 करोड़ सरकार बजट इन पांच कंपनियों को देती है। यही वजह है कि अब समग्र शिक्षा विभाग ने वोकेशनल की प्राइवेट कंपनियों के ऊपर सख्त रवैया अपना लिया है। साथ ही जिन कंपनियों के  माध्यम से वोकेशनल विषय के प्रैक्टिकल लेने वाली कंपनियों को प्रिंसीपल ही वैरिफाई कर बजट जारी करेंगे। एसएसए ने फैसला लिया है कि अब स्कूलों में वोकेशनल विषय का प्रैक्टिकल लेने वाले हर व्यक्ति की जांच पड़ताल भी होगी।

933 स्कूलों में वोकेशनल कोर्स

अभी तक  प्रदेश में 853 स्कूलों में वोकेशनल कोर्स चलाए जा रहे थे, लेकिन अब इसमें 80 और स्कूल शामिल हो जाएंगे। स्कूलों में वोकेशनल कोर्सेज के  ट्रेंड्स भी मात्र 11 ही चल रहे हैं, लेकिन अब जल्द ही इसमें 3 नए ट्रेड शामिल कर दिए जाएंगे। इसमें छात्र-छात्राएं अपनी पसंद के  हिसाब से किसी भी वोकेशनल कोर्सेज के  अलग-अलग ट्रेंड्स में प्रवेश ले सकेंगे। राज्य के 80 हजार छात्र वोकेशनल शिक्षा प्राप्त कर रहे हैं।


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