केंद्र सरकार ने हिमाचल में मुफ्त कोरोना जांच से पीछे खींचे हाथ

 31 अगस्त के बाद वित्तीय सहायता देने से इनकार

 पहली से प्रदेश को खुद वहन करना होगा खर्च

 एक टेस्ट पर खर्च होते हैं अढ़ाई हजार रुपए

 बीमारी लंबी खिंचने पर मुश्किल बनेंगे हालात

शिमला-केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय 31 अगस्त के बाद हिमाचल प्रदेश में कोविड टेस्ट नहीं करेगा। मंत्रालय ने राज्य को जारी निर्देशों में स्पष्ट कहा है कि पहली सितंबर, 2020 से हिमाचल सरकार को प्रदेश में अपने खर्च पर कोविड टेस्ट करने होंगे। केंद्र से जारी इस अलर्ट के तुरंत बाद हिमाचल सरकार ने टेस्ट किट की खरीद के लिए टेंडर प्रक्रिया शुरू कर दी है।

केंद्र सरकार ने 31 अगस्त तक ही कोरोना टेस्ट का खर्च उठाने का अल्टीमेटम दिया है। बता दें कि हिमाचल प्रदेश में प्रति कोविड टेस्ट का अढ़ाई हजार रुपए खर्चा है। अब तक केंद्र से मिल रही इस आर्थिक सहायता के कारण हिमाचल में कोविड टेस्ट मुफ्त हो रहे हैं। हालांकि राज्य सरकार पहली सितंबर से प्रदेश में यह सुविधा मुफ्त बरकरार रखने के हक में है, लेकिन कोविड काल में शुरू हुए वित्तीय संकट के बीच ऐसा करना राज्य के लिए किसी चुनौती से कम नहीं होगा। हिमाचल में 20 मार्च को पहला कोविड टेस्ट हुआ था। प्रदेश में अब तक एक लाख 51 हजार 325 कोविड टेस्ट हो चुके हैं। इस पर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने करीब 38 करोड़ का खर्च अपने स्तर पर उठाया है।

बता दें कि कोविड टेस्ट के लिए तीन उपकरणों का होना महत्त्वपूर्ण है। इसके लिए आरएनए-एक्स-ट्रैक्शन, वायरल  ट्रांसपोर्ट मीडियम (वीटीएम) और टेस्ट किट होना जरूरी है। इन तीनों ही उपकरणों पर अढ़ाई हजार रुपए का खर्च आता है। अब तक यह वित्तीय सहायता केंद्र से मिल रही थी, जोकि 31 अगस्त, 2020 तक ही जारी रहेगी। इसके बाद राज्य सरकार को प्रति टेस्ट अढ़ाई हजार रुपए का खर्च करना आसान नहीं होगा। इसके तहत 100 टेस्ट के लिए अढ़ाई लाख, एक हजार टेस्ट के लिए 25 लाख और तीन हजार सैंपल पर 75 लाख का खर्च आएगा। अधिकारिक सूत्रों का कहना है कि आने वाले दिनों में राज्य के भीतर प्रतिदिन चार हजार कोविड टेस्ट होंगे। इस कारण प्रतिदिन कोरोना टेस्ट के लिए एक करोड़ का खर्च आएगा। इन परिस्थितियों में कोरोना काल अगर अगले साल तक चलता है, तो हिमाचल सरकार के लिए कोरोना टेस्ट करवाना भी मुश्किल हो जाएगा। बताते चलें कि दिल्ली सहित कई दूसरे राज्यों में कोविड-19 के टेस्ट लोग अपने खर्च पर करवा रहे हैं। हिमाचल में कुछ समय तक इसकी नौबत नहीं आने की जरूर संभावना है, बावजूद इसके कोरोना काल लंबा खिंचने पर राज्य में भी लोगों को अपनी जेब से टेस्ट करवाने पड़ सकते हैं। इसके पीछे बड़ा कारण यह है कि हिमाचल सरकार की वित्तीय स्थिति नाजुक है। प्रदेश की राजस्व प्राप्तियां न के बराबर हो गई हैं और कर्मचारियों को वेतन देने के लिए केंद्र से ऋण लेना पड़ रहा है। इसी बीच कोरोना टेस्ट का खर्च राज्य पर आफ्त बन सकता है।

केंद्र सरकार ने 31 अगस्त के बाद राज्य को कोविड टेस्ट की वित्तीय सहायता देने के लिए मना कर दिया है। इस कारण कोविड टेस्ट किट खरीद के लिए स्वास्थ्य विभाग ने प्रक्रिया शुरू कर दी है। पहली सितंबर से कोविड टेस्ट का खर्च राज्य अपने स्तर पर उठाएगा। प्रति टेस्ट अढ़ाई हजार रुपए का खर्च आ रहा है

आरडी धीमान, अतिरिक्त मुख्य सचिव