दवा उद्योग पर आदेशों का कोई असर नहीं
कंटेनमेंट जोन घोषित होने के बाद लगातार हो रहा उत्पादन
बीबीएन-बद्दी के तहत भुड्ड स्थित एक नामी दवा कंपनी के यूनिट को कंटेनमेट जोन घोषित करने के बाद भी बंद नहीं किया गया। जबकि जिला प्रशासन के आदेशों के अनुसार कोरोना संक्रमण के मामले आने के बाद सबंधित औद्योगिक परिसर को 48 घंटे की अवधि के लिए बंद करने के साथ साथ सेनेटाइज करना अनिवार्य किया गया है, इसके अलावा कोविड-19 रोगियों के संपर्क में आए प्राथमिक अथवा द्वितीय संपर्कों को 24 घंटे की अवधि के भीतर चिन्हित करने और उन्हें आइसोलेट करके औद्योगिक इकाईयों द्वारा सृजित आइसोलेशन सुविधा में भेजना भी अनिवार्य किया गया है। यही नही ऐसे मामलों में पड़ताल के लिए बाकायदा प्रशासनिक अधिकारियों की कमेटियां भी गठित की गई है।
लेकिन बीते दो दिनों से एक नामी दवा कंपनी की कारगुजारी बीबीएन मे ंचर्चा का बिषय बनी हुई है दरउसल उक्त नामी दवा कंपनी के हाल ही में दो कर्मचारी कोरोना संक्रमित पाए गए थे, जिसके उपरांत प्रशासन द्वारा यूनिट को कंटेनमेंट जोन घोषित करने के आदेश जारी किए गए लेकिन कंटेनमेंट व यूनिट की बाड़बंदी के आदेशों के बाबजूद यूनिट में बेरोकटोक काम चलता रहा। बता दें कि जिला प्रशासन ने उक्त दवा कंपनी सहित थाना में एक अन्य दवा उद्योग को भी कंटेनमेंट जोन घोषित किया था। थाना गांव स्थित दवा कपंनी ने तो कामकाज बंद रखा , लेकिन बद्दी के भुड्ड स्थित नामी दवा कंपनी में लगातार कामगारों की आवाजाही व उत्पादन चलता रहा। जिसे लेकर क्षेत्र के कई उद्यमियों ने सवाल उठाए है कि आखिर यह पिक एंड चूज सिस्टम कयों अपनाया जा रहा है। जब बाकी उद्योगों को 48 घंटों के लिए बंद करवा दिया जाता है तो इस दवा कंपनी पर वो नियम लागू क्यों नहीं किया गया। एसडीएम नालागढ़ प्रशांत देष्टा ने कहा कि मीडिया के जरिए मामला उनके ध्यान में आया है रिपोर्ट तलब की गई है और यूनिट को बंद करने के निर्देश दे दिए गए है।
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