हर साल बाढ़ दे जाती है जख्म

By: Aug 6th, 2020 12:01 am

पांवटा साहिब-गिरिपार क्षेत्र की शिल्ला और दुगाना पंचायत के अंतर्गत आने वाले क्षेत्र नेड़ा खड्ड में पिछले पांच सालों से बरसात में बाढ़ के कारण नदी के पानी की भेंट चढ़ रही उपजाऊ भूमि को बचाने की स्थानीय किसानों ने सरकार से गुहार लगाई है। हर साल भूमि कटाव होने पर भी पिछले पांच साल से जिला प्रशासन और पंचायत द्वारा कोई ठोस कदम नहीं उठाए गए हैं, जिससे किसानों को कई बीघा भूमि बाढ़ की भेंट चढ़ गई है। इन दिनों बारिश से भी हो रहे भूमि कटाव से किसान परेशान हैं। जानकारी के मुताबिक एक ओर जहां केंद्र और प्रदेश सरकार किसानों के हितों के लिए बड़े-बड़े दावे कर रही है, वहीं जमीनी स्तर पर किसानों की पिछले पांच साल से हो रहे भूमि कटाव को लेकर कोई गंभीर नहीं है। भाजपा के किसान मोर्चा के जिला अध्यक्ष साधु राम चौहान, लाल कल्याण सिंह, सुमेर चंद, कर्म सिंह फौजी, जगत सिंह, अनिल चौहान, खतरी राम, नीरज चौहान, सुनील चौहान, देवेंद्र सिंह, हरीश सिंह आदि दर्जनों किसानों ने बताया कि नेड़ा खड्ड के कारण हर साल होने वाले भूमि कटाव का सिलसिला थम नहीं रहा है।

इसी कारण क्षेत्र के लोग इस साल होने वाली बरसात से अभी से आतंकित नजर आ रहे हैं। उन्होंने बताया कि बरसात के दिनों यहां होने वाली भूमि कटाव के कारण 70 बीघा से अधिक भूमि खड्ड की भेंट चढ़ चुकी है। इससे लोगों को दो वक्त की रोटी का जुगाड़ करना भी भारी पड़ रहा है। उन्होंने बताया कि नेड़ा खड्ड के निकट क्यार में उपजाऊ जमीन होने के कारण यहां शिल्ला गांव के 150 परिवार धान, गेहूं, प्याज, लहसुन की फसल लगाया करते थे, लेकिन बरसात के मौसम में लगातार हो रहे भूमि कटाव के कारण उपजाऊ भूमि बह गई है। बची जमीन पर लोगों ने डर से खेती करना छोड़ दिया है। उन्होंने कहा कि अब तक करोड़ों की उपजाऊ भूमि कटाव के कारण बह चुकी है। जो भूमि बची हुई है वह भी खतरे की जद में है वह भी बरसात में बह सकती है। ऐसे में प्रशासन ने यदि कोई ठोस कदम नहीं उठाया तो किसानों को भूमि से हाथ धोना पड़ सकता है। ऐसे में गांव के किसानों ने प्रदेश सरकार और जिला प्रशासन से मदद की गुहार लगाई है, ताकि उनकी उपजाऊ जमीन बच सके।


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