अब गांव बनेंगे रोजगार की नर्सरी

By: दिव्य हिमाचल ब्यूरो। बिलासपुर- Aug 16th, 2020 12:25 am

बिलासपुर में पंचायती राज मंत्री वीरेंद्र कंवर ने दी जानकारी, इंटीग्रेटिड फार्मिंग को दिया जाएगा बढ़ावा

दिव्य हिमाचल ब्यूरो। बिलासपुर-हिमाचल के गांव देहात में बेरोजगारों को घरद्वार पर स्वरोजगार उपलब्ध करवाने के लिए कृतसंकल्प राज्य की जयराम सरकार इंटीग्रेटिड फार्मिंग को प्रभावी ढंग से क्रियाविंत करने के लिए कलस्टर एप्रोच के साथ आगे बढ़ेगी। इस बाबत उच्च स्तर के अधिकारियों की एक राज्य स्तरीय और कृषि, मत्स्य, पशुपालन व ग्रामीण विकास विभागों के निदेशकों की एक कमेटी बनाई गई है जो कि पंद्रह दिन के भीतर इंटीग्रेटिड फार्मिंग के क्रियान्वयन के लिए पूरी रिपोर्ट सरकार को प्रेषित करेंगी।

कृषि, पशुपालन, पंचायतीराज, मत्स्य एवं ग्रामीण विकास मंत्री वीरेंद्र कंवर ने खबर की पुष्टि की है। उन्होंने बताया कि सरकार ने एक नीतिगत फैसला लिया है जिसके तहत प्रदेश भर में स्किल मैपिंग शुरू की गई है। क्योंकि कोरोना काल में हजारों लोग बेरोजगार हुए हैं और जो लोग बाहरी प्रदेशों में रोजगार प्राप्त थे वे भी अपने राज्य को वापस लौट आए हैं और अब यहीं पर ही स्वरोजगार करना चाहते हैं। ऐसे में कौन क्या क्या कर सकता है इस पर एक रिपोर्ट बनाई जा रही है। ऐसे में अब उन्नति का पैमाना शहरों के बजाए गांव होंगे। इसी के तहत इंटीग्रेटिड फार्मिंग के लिए एक महत्वाकांक्षी योजना बनेगी जिसमें कृषि के साथ ही पशुपालन, मत्स्य व ग्रामीण विकास विभागों की योजना के जरिए किसानों को आत्मनिर्भर बनाया जाएगा। कलस्टर एप्रोच के साथ सरकार आगे बढ़ेगी और किसानों को घरद्वार पर ही स्वरोजगार से जोड़ेगी, जिससे गांवों विकसित, उन्नत एवं आर्थिक तौर पर सशक्त बनेंगे।

उन्होंने बताया कि कोरोनाकाल में एक बहुत बड़ा परिवर्तन आया है जिससे लोगों की जीवनशैली ही बदल जाएगी। जिस तरह से लोग बाहरी राज्यों से आ चुके हैं और अब यहीं पर ही अपना कुछ रोजगार चलाना चाहते हैं तो इससे गांवों विकास की ओर अग्रसर होंगे और आत्मनिर्भर बनेंगे।

उन्होंने बताया कि यदि दो तीन दशक पहले की बात करें तो गांवों में लोगों की आय का साधन कृषि, बागवानी व पशुपालन था। नब्बे फीसदी लोग कृषि पर ही निर्भर थे। आजादी के बाद देश की जीडीपी का 50 फीसदी हिस्सा कृषि का रहता था जो कि वर्तमान में घटकर 12.79 फीसदी रह गया है।  लेकिन कोविड-19 की वजह से एक बड़ा बदलाव हुआ है जिससे लोगों की जीवनशैली में परिवर्तन होगा। वहीं, पचायती राज मंत्री वीरेंद्र कंवर ने कहा कि प्रदेश में इंटीग्रेटिड फार्मिंग को कलस्टर एप्रोच के साथ क्रियाविंत किया जाएगा जिसके लिए राज्यस्तर व निदेशकों की बनी दोनों कमेटियों से पंद्रह दिन के अंदर विस्तृत रिपोर्ट मांगी गई है। इसी रिपोर्ट के आधार पर अगली कार्ययोजना को अंतिम रूप दिया जाएगा।

सिक्किम के बाद देश का दूसरा जहरमुक्त खेती वाला राज्य बनेगा हिमाचल

ग्रामीण विकास मंत्री वीरेंद्र कंवर ने बताया कि प्राकृतिक खेती खुशहाल किसान के तहत 2022 तक किसानों की आय को दोगुना करने का लक्ष्य तय किया गया है जिसके तहत प्रदेश में जहरमुक्त खेती को बढ़ावा दिया जाएगा। अभी तक देश में सिक्किम ऐसा पहला राज्य है जहां जहरमुक्त खेती हो रही है और अब हिमाचल देश का दूसरा ऐसा राज्य बनने जा रहा है। शून्य लागत आधारित प्राकृतिक खेती के जरिए किसान आत्मनिर्भर बनेंगे।

इस बार ऑनलाइन होंगे किसान मेले

कोरोना काल की वजह से इस बार किसान मेलों का आयोजन ऑनलाइन किया जाएगा जिसके लिए विभागीय स्तर पर योजना का खाका तैयार किया जा रहा है। किसानों को ऑनलाइन ही प्रशिक्षण दिया जाएगा। इसके अलावा अब विभागों को अपनी सभी योजनाओं की विस्तृत जानकारी कार्यालय परिसर में बोर्ड पर डिस्पले करनी होगी। विभागों के पास कितना बीज कितनी खाद और कितने आवश्यक उपकरण उपलब्ध हैं यह तमाम जानकारी बोर्ड पर दर्शानी होगी ताकि किसान बागवानों को कार्यालय पहुंचते ही सभी योजनाओं के बारे में विस्तृत जानकारी उपलब्ध हो सके।


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