आईजीएमसी के बाद अब टांडा मेडिकल कालेज में भी सिस्टोस्कॉपी सुविधा

By: हैडक्वार्टर ब्यूरो — कांगड़ा Aug 16th, 2020 12:06 am

हैडक्वार्टर ब्यूरो — कांगड़ा

आईजीएमसी शिमला के बाद अब डा. राजेंद्र प्रसाद मेडिकल कालेज टांडा में मरीजों की सिस्टोस्कॉपी की जाएगी। इस सुविधा के शुरू होने के उपरांत टांडा मेडिकल कालेज सिस्टोस्कॉपी करने वाला प्रदेश का दूसरा बड़ा अस्पताल बन जाएगा। राहत की बात यह है कि सिस्टोस्कॉपी करने के लिए सरकार ने टीएमसी में तीन यूरोलॉजिस्ट भी तैनात कर दिए हैं। हालांकि अभी मशीनें संचालित न होने के चलते यह सर्जरी विभाग में काम कर रहे हैं। फिलहाल अस्पताल प्रशासन द्वारा इन मशीनों के उपकरण मंगवाए गए हैं। ऐसे में उपकरणों के इंस्टाल होने के बाद टीएमसी में भी यह सुविधा आंरभ हो जाएगी। राज्य सरकार द्वारा टांडा मेडिकल कालेज मे मरीजों के लिए हर प्रकार की सुविधाएं देने का प्रयास किया जा रहा है।

 आपरेशन करने के लिए यूरेटर स्कोप, सिस्टोस्कोपी, ट्रांस यूरेयरल रिसेक्शन प्रोस्टेट आदि मशीनी उपकरणों की डिमांड भेजी हुई है। इन मशीनों के स्थापित होने आने के बाद आईजीएमसी व राज्य से बाहर जाने की आवश्यकता नहीं पड़ेगी। बता दें कि सिस्टोस्कॉपी एक एंडोस्कोपी है। यूरिनरी ट्रैक्ट में बार-बार इन्फेक्शन होने और यूरिन से जुड़ी समस्याओं का पता लगाने के लिए सिस्टोस्कोपी की जाती है, जिसमें मूत्रमार्ग और मूत्राशय के अंदर देखने के लिए सिस्टोस्कोप का इस्तेमाल किया जाता है। सिस्टोस्कोप एक पतला लंबा ऑप्टिकल उपकरण होता है जिसके जरिए यूरिनरी ट्रैक्ट के स्पष्ट चित्र देखे जा सकते हैं। ऐसे में यूरिन इन्फेक्शन होने पर सिस्टोस्कोपी के जरिए कैसे निजात दिलाई जाती है, ये जानने के लिए चिकित्सकों को काफी सहायता मिलती है। उल्लेखनीय है कि प्राइवेट अस्पतालों में इससे संबंधी आपरेशन के लिए हजारों रुपए खर्च आता है। यहां बता दें कि टांडा मेडिकल कालेज में अधिकतर वे मरीज आते हैं, जो निजी अस्पताल में आपरेशन का खर्च नहीं उठा पाते।


Keep watching our YouTube Channel ‘Divya Himachal TV’. Also,  Download our Android App