बढ़ती उम्र के साथ एससीए का खतरा

कांगड़ा-अचानक होने वाला कार्डिएक अरेस्ट एक ऐसी स्थिति है, जिसमें हृदय अचानक और अप्रत्याशित रूप से काम करना बंद कर देता है, जिसके परिणामस्वरूप महत्त्वपूर्ण अंगों तक रक्त का प्रवाह बाधित हो जाता है। सडन कार्डिएक अरेस्ट (एससीए) आमतौर पर मृत्यु का कारण बन जाता है। अगर तुरंत उपचार नहीं करवाया जाए। हृदय की चालन प्रणाली में समस्या होना एससीए का सामान्य कारण है। एससीए के समय हृदय का वेंट्रिकल रक्त को पंप करने के बजाय बेकार में ही कंपन करता रहता है। डा. अखिल गौतम  फोर्टिस अस्पताल कांगड़ा ने बताया कि एससीए का जोखिम उम्र के साथ बढ़ता जाता है और पुरुषों में महिलाओं की तुलना में इसका खतरा अधिक होता है।

इस्चेमिक हार्ट डिसीर्जेज आईएचडी जो कि रक्त की आपूर्ति करने वाली रक्त वाहिकाओं में प्लॉक जमने के कारण हृदय की मांसपेशियों की ओर रक्त का प्रवाह कम होने के कारण होता है। अचानक होने वाले कार्डिएक अरेस्ट का सबसे प्रमुख कारण है। अन्य जोखिम कारकों में हृदय की धड़कनों का अनियमित हो जाना  अर्राथीमिया एससीए का पारिवारिक इतिहास नशीली दवाइयों या शराब की लत और हार्ट फेलियर सम्मिलित हैं। डा. गौतम ने कहा कि इम्प्लांटेबल कार्डियोवर्टर डिफाइब्रिलेटर आईसीडी उन मरीजों के लिए पसंदीदा प्रारंभिक उपचार है, जो वेंट्रिकुलर फाइब्रिलेशन के बाद पुनः होश में आए हैं, क्योंकि ये निर्णायक रूप से एंटीअर्राथीमिक दवाइयों से बेहतर हैं।

आईसीडी एक स्थायी यंत्र है, जो हृदय की लय पर नजर रखता है और शॉक के रूप में उपचार प्रदान करता है। वेंट्रिकुलर टैचीकार्डिया या वेंट्रिकुलर फाइब्रिलेशन यदोनों जीवन के लिए घातक स्थितियां को ठीक करने के लिए। एमएडीआईटी अध्ययन में यह तथ्य उभरकर आएं हैं कि दो वर्षों तक फालोअप लेने के पश्चात पारंपरिक एंटी अर्राथीमिक दवाइयों की तुलना में आईसीडी से उपचार किए गए रोगियों में कुल मृत्युदर में 54 प्रतिशत की कमी आई है। समय के साथ प्रत्यारोपित किए जा सकने वाले स्वचलित कार्डियोवर्टर डिफाइब्रिलेटर छोटे, कुशल और प्रभावशाली हो गए हैं, जिसने इन्हें उन मरीजों के उपचार के सबसे प्रमुख विकल्पों में से एक बना दिया है, जिन्हें एससीए का जोखिम है। जब इन्हें समय पर प्रत्यारोपित कर दिया जाता है, तो ये उन रोगियों के लिए एक जीवन रक्षक के रूप में कार्य करते हैं, जो अचानक कार्डिएक अरेस्ट के कारण मर सकते हैं।