बरसात ने निगले पीडब्ल्यूडी के 50 लाख

मूसलाधार बारिश से सड़कों को भारी नुकसान, जनजीवन अस्त-व्यस्त

धर्मपुर-गत शुक्रवार को हुई मूसलाधार बारिश के कारण उपमंडल में जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया। करीब आधा दर्जन सड़कें क्षतिग्रस्त हो गई हैं, जिसमें लोक निर्माण विभाग को करीब पचास लाख रुपए की चपत लगी। सरकाघाट जोगिंद्रनगर, धर्मपुर संधोल वाया स्योह, सरकाघाट संधोल मढ़ी वाया बनवार सड़कें कई घंटे बंद रहीं, जबकि सतरेहड़ के पास करीब दो फुट जमीन धंसने से गांव में दशहत फैल गई है। बताते चलें कि धर्मपुर में करीब पांच वर्ष पूर्व बरसात बर्बादी बरपा गई थी, जिससे कई गांवों में रिहायशी मकान, गोशालाएं,  सड़कें और करोड़ों की सरकारी संपति नष्ट हो गई थी, जबकि कुछ ग्रामीणों को जान से भी हाथ धोना पड़ा था। लगातार तीन साल तक आई बाढ़ ने दर्जनों मकान, गोशालाएं और सैकड़ों बीघा जमीन नष्ट कर डाली थी। मठी बनवार, सतरेहड़, तनेहड़, हरयानाल, सकरेंण, डिडणु, नरेढ़ा, धर्मपुर और रौह में बरसात ने भारी नुकसान पहुंचाया था। शुक्रवार को भारी बारिश से गांव के साथ लगती सड़क दो फुट तक धंस जाने से भय का माहौल है। लोनिवि मंडल धर्मपुर के अधिशाषी अभियंता जयपाल नायक का कहना है कि शुक्रवार को हुई मूसलाधार बारिश से विभाग को करीब पचास लाख का नुकसान हुआ है।

सरकाघाट जोगिंद्रनगर, धर्मपुर संधोल वाया स्योह, धर्मपुर-संधोल वाया मढ़ी सड़कें बंद हुई थीं जिन्हें विभाग ने मुस्तैदी दिखाते हुए कुछ घंटे में यातायात हेतु बहाल कर दिया। सतरेहड़ के पास सड़क करीब दो फुट नीचे धंस गई थी, जिसमें फिलिंग डालकर वाहनों हेतु तैयार कर दिया गया है, वहीं स्थानीय विधायक एवं प्रदेश सरकार में मंत्री महेंद्र सिंह को राजस्व विभाग का भी कार्यभार मिलने से क्षेत्र के उन परिवारों को आस जगी है, जिनका बाढ़ और भू-स्खलन ने सबकुछ बर्बाद कर दिया था। इस गांव के योगेश ठाकुर, सुभाष चंद, अच्छर सिंह और सोहन सिंह के मकान, जौंकी राम की गोशाला, दौलत राम की गोशाला और अमर सिंह का शौचालय, जबकि मठी बनवार में रमेश चंद, मनोहर लाल, राजेंद्र, जयवंती देवी और हुक्मचंद के मकान दब गए, जबकि मनोहर लाल, जयवंती देवी, योगेश, सुभाष, राजेंद्र, सोहन और अमर सिंह को  भारी माली नुकसान झेलना पड़ा था। अगले वर्ष तनेहड़, डिडणु, रौह और नरेढ़ा में इससे भी बड़ी बर्बादी मचाई और कई जगह तो रिहायश के लिए जमीन नहीं बची।

जिला प्रशासन ने प्रभावितों को धर्मपुर के आसपास सरकारी जमीन चिन्हित कर पांच-पांच बिस्वा भूमि देने की बात कही थी, लेकिन पांच वर्ष बीत जाने पर भी किसी ने इनकी सुध नहीं ली। भूमि आबंटन के केस तो बनाए गए, लेकिन आज उन फाइलों का कहीं अता पता नहीं है। महेंद्र सिंह के राजस्व मंत्री बन जाने पर इन ग्रामीणों में फि र आस जगी है। उधर, एसडीएम धर्मपुर सुनील वर्मा  का कहना है कि संबंधित हल्का पटवारियों को स्थिति पर पैनी नजर रखने को कहा गया है। प्रशासन किसी भी आपातकालीन स्थिति से निपटने के लिए मुस्तैद है ।