वर्तमान में कैसे जिएं

By: Aug 8th, 2020 12:20 am

श्रीश्री रवि शंकर

जब आप अब तक घटित सब बातों को सपना मान कर छोड़ देते हैं, तब एक खुले मन से आप वर्तमान क्षण के सत्य को समझ सकते हैं। जब हमारे जीवन में यह जागरूकता आ जाती है, चाहे हर रोज थोड़े क्षणों के लिए ही सही कि अतीत में जो भी हुआ, अच्छा या बुरा, बस एक सपना ही था, तो आपको जीवन में किसी भी चीज का सामना करने का बल मिल जाता है…

भूतनाथ को पाने के लिए आपको भूतकाल की सब बातों को एक सपना मानना होगा और यह कुछ मुश्किल काम नहीं। इसके लिए बस थोड़ी सी जागरूकता की आवश्यकता है।

वर्तमान क्षण के यथार्थ को समझें – वर्तमान क्षण के यथार्थ को पूर्णतः समझ पाना तभी संभव है, यदि हम भूतकाल में घटित हुई सभी बातों को एक सपना मान लें। जब आप अब तक घटित सब बातों को सपना मान कर छोड़ देते हैं, तब एक खुले मन से सत्य को समझ सकते हैं। भूतकाल ही है, जो हावी होकर हमारे मन को बोझिल बना देता है। इस भूत से पीछा छुड़ाए बिना आप भूतनाथ (शिव) को नहीं पा सकते। आप ने कुत्ते, बिल्लियों आदि को देखा होगा कभी- कभी वे पानी या मिट्टी में लोटते हैं, परंतु जब वे उठते हैं, वो तुरंत अपने शरीर को हिला कर सब नीचे फेंक देते हैं और आगे बढ़ जाते हैं।

बिलकुल इसी प्रकार आप भी पानी या कीचड़ में खेल सकते हैं, परंतु थोड़ी-थोड़ी देर में खड़े होकर सब नीचे झाड दें और जागरूक हो जाएं। तब आप पाएंगे कि भगवान शिव यहीं है, अभी, बिलकुल यहीं। जब अप ऐसा बार-बार करते हैं, तो यह एहसास आप में जागने लगता है और आपके भीतर गहरा होता चला जाता है।

अपने मनोबल को पहचानें – बहुत बार लोग हतोत्साहित हो जाते हैं और कहते हैं, ओह! मुझे किसी चीज में मजा नहीं आ रहा। किसी भी चीज का मजा लेने के लिए आपको मन में भरे बाकी सभी विचारों को अनदेखा करना पड़ता है। हमारी दिलचस्पी इसलिए कम हो जाती है, क्योंकि मन अतीत की घटनाओं में उलझा होता है। अतीत आपके मन में घर बनाए रहता है, परंतु बदले में आपको कुछ नहीं मिलता। इस सौदे में बस घाटा ही घाटा है। इसलिए थोड़े-थोड़े समय में आपको खड़ा होना होगा और कहना होगा, यह मेरा घर है और अतीत को बाहर फेंकना होगा अन्यथा अतीत की घटनाएं आपके वर्तमान पर हावी हो जाएंगी और आपको यह यकीन दिला देंगी कि आपका अपना समय आपका नहीं रहा।

इसलिए अतीत को आपके मन का क्षय करके, आपको अव्यवस्थित करके दुखी न बनाने दें। जब आप अब तक घटित सब बातों को सपना मान कर छोड़ देते हैं, तब एक खुले मन से आप वर्तमान क्षण के सत्य को समझ सकते हैं। जब हमारे जीवन में यह जागरूकता आ जाती है, चाहे हर रोज थोड़े क्षणों के लिए ही सही कि अतीत में जो भी हुआ, अच्छा या बुरा, बस एक सपना ही था, तो आपको जीवन में किसी भी चीज का सामना करने का बल मिल जाता है। तब आपको अपनी चेतना में उस ऊर्जा की तरंग और उस विस्तार की अनुभूति होगी, जिसको कि पहले इन घटनाओं ने छुपा रखा था। अतीत की घटनाएं अब नहीं रहीं।


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