बिना बताए प्रवासियों को दिए कमरे, केस

पुलिस ने दो दिन के भीतर वार्ड 13 में चार मकान मालिकों के खिलाफ  की कार्रवाई

सोलन – जिला मुख्यालय के वार्ड नंबर 13 में बाहरी राज्यों से लौटे मजदूरों को किराये पर कमरे देना अब मकान मालिकों को महंगा पड़ रहा है। पुलिस ने इस संदर्भ में गुरुवार को दो मकान मालिकों के खिलाफ केस दर्ज किए हैं। पुलिस से प्राप्त जानकारी के अनुसार इनमें से एक मकान मालिक ने तो करीब 30 जबकि एक अन्य 11 प्रवासी मजदूरों को अपने मकान के कमरे किराये पर दिए थे। बड़ी बात यह कि ये वे प्रवासी मजदूर हैं, जो हाल ही में अपने-अपने राज्यों से लौटे हैं। लेकिन इनके पास किसी भी तरह की अनुमति नहीं है। यही नहीं मकान मालिकों ने इन लोगों को कमरे किराये पर देने से पूर्व इनके लौटने की सूचना न तो पुलिस को दी और न ही जिला प्रशासन को। ऐसे में कोरोना संकट के बीच इस लापरवाही को देखते हुए और आम लोगों की जान को खतरे में डालने की एवज में पुलिस ने यह कार्रवाई की है। गौर रहे कि वार्ड नंबर 13 में बीते सप्ताह एक प्रवासी मजदूर कोरोना का पॉजिटिव आया था। उसके बाद जब उसकी कांटेक्ट हिस्ट्री खंगाली गई तो पता चला कि वह दो बसों में 94 प्रवासी मजदूरों के साथ यहां लौटा है और ये सभी प्रवासी वार्ड 13 में ही रह रहे हैं। इसके बाद प्रशासन ने वार्ड 13 कलीन को कंटेनमेंट जोन घोषित कर दिया और एक्टिव केस फाइडिंग अभियान आरंभ किया। इस दौरान खुलासा हुआ कि बाहरी राज्यों से 150 से अधिक मजदूर लौटे हैं और इनमें से 48 ऐसे हैं, जिनके पास अनुमति पास नहीं है। ऐसे में जिला प्रशासन के आदेशानुसार पुलिस ने मकान मालिकों पर शिकंजा कसना आरंभ कर दिया। बता दें कि दो दिन के भीतर पुलिस ने चार ऐसे मकान मालिकों के खिलाफ केस दर्ज किए हैं, जिन्होंने बिना प्रशासन को सूचित किए बाहरी राज्यों के प्रवासी मजदूरों को कमरे किराये पर दिए हैं। बताया जा रहा है कि अभी कुछेक मकान मालिकों पर और भी केस दर्ज हो सकते हैं। मामले की पुष्टि एसएचओ सदर धर्मसेन नेगी ने की है। उन्होंने कहा कि पुलिस ने गुरुवार को दो लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया है, जिन्होंने जिला प्रशासन के आदेशों की अहवेलना की है।