बिना बिजली कैसे होगी ऑनलाइन पढ़ाई

निजी संवाददाता-सोलन-दाड़लाघाट विद्युत उपमंडल में कई दिनों से बिजली लंबे समय तक गुल रहने के कारण उपभोक्ताओं को परेशानियों का सामना करना पड़ता है। आलम यह है कि यदि रात को बिजली चली जाए फिर बिजली के दर्शन सुबह ही होते हैं। बिजली बार-बार अघोषित कटों से उपभोक्ताओं को परेशानी झेलनी पड़ रही हैं। अभिभावकों का कहना है कि कोरोना काल में उनके बच्चों की ऑनलाइन पढ़ाई बिजली की इस आंख-मिचौनी से निरंतर बाधित रहती है। रौड़ी गांव से ट्रांसपोर्टर नरेश शर्मा, अश्वनी कुमार, खेमराज, दाड़ला से कमल श्याम सिंह चौधरी बृजलाल शर्मा व सुरेंद्र इत्यादि का कहना है कि दाड़लाघाट में ट्रक आपरेटर्ज को गाडि़यों की मरम्मत का काम करवाने में काफी नुकसान उठाना पड़ रहा है। गाडि़यों की मरम्मत करवाने के लिए उन्हें कई-कई दिन मेकेनिकों के चक्कर काटने पड़ते हैं। इस चक्कर में कई बार उनकी डिमांड भी छूट जाती है। उन्होंने बताया कि घर में बीमार बुजुर्गों को कृत्रिम ऑक्सीजन की आवश्यकता होती है, वह मशीनें भी बिजली के कारण बंद रहती हैं, उन्हें हर समय किसी हादसे का डर सताता रहता है। यही नहीं, बार-बार बिजली के आने-जाने से उपभोक्ताओं के विद्युत उपकरण टीवी, फ्रिज, एसी, कूलर, बल्ब, कम्प्यूटर बार-बार खराब हो रहे हैं। उधर, बैंकों के कामकाज  पर भी असर पड़ रहा है। अभिभावकों का कहना है कि बिजली के कटों से उनके बच्चों को एसओएस परीक्षा के फार्म भरने के लिए आए दिन चक्कर लगाने पड़ रहे हैं। मोबाइल रिचार्ज नहीं हो रहे हैं। इसी तरह कई दुकानदारों जैसे फोटोस्टेट, वेल्डिंग, खराद, कम्प्यूटर प्रींटिंग प्रेस के व्यवसाय बिजली के सहारे ही चलता हैं, जो कई कई घंटों बिजली गुल रहने के कारण ठप रहते हैं।

सहायक अभियंता विद्युत उपमंडल दाड़लाघाट बृज लाल ठाकुर का कहना है कि 32केवी सब-स्टेशन चमाकड़ी पुल में खराबी आने के कारण समस्या आई थी, जिसे दुरुस्त किया जा रहा है। विभाग में कर्मचारियों की भारी कमी भी उपभोक्ताओं को बेहतर सुविधा देने में आढ़े आ रही है। स्टाफ पर अधिक कार्य का बोझ होने के कारण, बेहतर सेवाएं नहीं दे पा रहे हैं। इसके बावजूद उपभोक्ताओं को बेहतर सुविधा देने की कोशिश की जा रही है।