चिंतपूर्णी में दुकानदारों की हालत खराब

मंदिर बंद रहने से झेलनी पड़ रही मंदी की मार, खराब हो रहा सामान

नगर संवाददाता—चिंतपूर्णी –धार्मिक स्थल चिंतपूर्णी में छोटे-बड़े दुकानदारों की हालत बद से बदतर हो चुकी है। उपमंडल के कई बाजार कोरोना वायरस के चलते ग्राहकों के लिए खुल गए हैं, लेकिन चिंतपूर्णी बाजार पिछले साढ़े चार माह से पूरी तरह बंद पड़े हुए हैं।

चिंतपूर्णी में दुकानदारों को दोहरी मार झेलनी पड़ रही है। एक तरफ पिछले साढे़ चार माह से तमाम दुकानदार घरों में बैठे हैं, वहीं दुकानों में रखा हजारों-लाखों रुपए का सामान खराब हो चुका है। प्रदेश सरकार व जिला प्रशासन द्वारा उक्त दुकानदारों को कोई भी आर्थिक सहायता न मिलने से छोटे-बड़े दुकानदार बुरी तरह प्रभावित है। जिला प्रशासन व प्रदेश सरकार की मानें तो अभी तक मंदिर को दर्शनों के लिए खोलने की कोई उम्मीद लोगों को नजर नहीं आ रही, ऐसे में दुकानदार डिप्रेशन के कारण बुरे दौर से गुजर रहे हैं।

स्थानीय दुकानदारों निरंजन कालिया, शशि कुमार, रामगोपाल, जीवन कालिया, अनिल कुमार,  महेश कालिया, राजकुमार, पवन कुमार, वेद प्रकाश विक्रेताओं ने बताया कि उनका दुकानों के अंदर पिछले साढ़े चार माह से पड़ा हुआ सारा सामान जिसकी कीमत लाखों में है, पूरी तरह नष्ट हो चुका है।

उन्होंने बताया कि एक तरफ लॉकडाउन के चलते कारोबार पूरी तरह बंद पड़े हुए हैं। वहीं दूसरी तरफ दुकानों के अंदर का लाखों रुपए का सामान नष्ट हो चुका है। ऐसे में उन्होंने सरकार से मांग की है कि उक्त दुकानदारों को आर्थिक सहायता दी जाए। दुकानदारों का जो सामान खराब हुआ है। उसमें आम पापड़ प्रसाद कोल्ड ड्रिंक मिनरल वाटर एक्सपायर हो चुका है जो बिकने के काबिल नहीं रहा है। ऐसे ही पीतल का सामान, लकड़ी का सामान बेचने वाले दुकानदारों को भी लाखों रुपए का नुकसान हुआ है। लोगों ने सरकार से मांग की है कि धार्मिक स्थल चिंतपूर्णी में प्रभावित दुकानदारों की आर्थिक मदद की जाए।