फूड प्‍वाइजनिंग

By: Aug 15th, 2020 12:17 am

चटपटा, स्पाइसी और टेस्टी खाने के चक्कर में अकसर ये समस्या होती है। इसकी वजह से पेट में दर्द, मरोड़, एसिडिटी और बुखार जैसी कई परेशानियां शुरू हो जाती हैं। बीमारियां फैलाने वाले बैक्टीरिया ज्यादातर मीट, सी फूड और डेयरी प्रोडक्ट्स में पाए जाते हैं…

फूडप्वाइजनिंग किसी भी मौसम में खाने-पीने की खराबी के कारण हो सकती है, लेकिन इसके सबसे ज्यादा मामले मानसून में देखने को मिलते हैं। इसका सबसे बड़ा कारण बैक्टीरिया और ठीक तरह से साफ.-सफाई न रखना होता है। चटपटा, स्पाइसी और टेस्टी खाने के चक्कर में अकसर ये समस्या होती है। इसकी वजह से पेट में दर्द, मरोड़, एसिडिटी और बुखार जैसी कई परेशानियां शुरू हो जाती हैं। बीमारियां फैलाने वाले बैक्टीरिया ज्यादातर मीट, सी फूड और डेयरी प्रोडक्ट्स में पाए जाते हैं, लेकिन इसके अलावा लेट्यूस, फलों और सब्जियों में भी बैक्टीरिया पनप सकते हैं। फूड प्वाइजनिंग का सबसे पहला लक्षण पेट दर्द होता है। समस्या बढ़ जाने पर दवा और इलाज की जरूरत होती है, लेकिन कुछ घरेलू और आसान नुस्खे भी हैं, जिनसे वक्त रहते राहत पाई जा सकती है।

जीरा

पेट दर्द होने पर जीरा भूनकर गर्म पानी से खाने की सलाह दी जाती है। इसे बनाने में धनिया की पत्ती और नमक भी मिक्स किया जा सकता है। इसके अलावा भी जीरे, नमक और हींग से हर्बल ड्रिंक्स तैयार करके उसे दिन में तीन बार पीना लाभदायक रहता है।

तुलसी की पत्तियां

फूड प्वाइजनिंग से होने वाले पेट दर्द में तुलसी के पत्तों से इलाज काफी पुराना और कारगर है। इसमें एंटी माइक्रोबायल गुण होते हैं, जो बेकार के बैक्टीरिया को खत्म करने में सहायक होते हैं। पेट दर्द होने पर तुलसी के पत्तों का जूस एक चम्मच शहद के साथ पीना बेहतर होगा।


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