गिरि जल विद्युत परियोजना में 50 प्रतिशत तक सिमटा बिजली उत्पादन

मानसून में बारिश की कमी से पीक सीजन में नौ लाख यूनिट तक हो पा रही जेनरेशन

नाहन-मानसून बारिश की सूस्ती का साफ असर जिला सिरमौर की 60 मेगावाट विद्युत परियोजना गिरिनगर पर नजर आया है। मानसून के पीक माने जाने वाले सीजन में इस मर्तबा गिरि जल विद्युत परियोजना अभी मात्र एक टरबाइन पर ही चल पा रही है, जबकि पीक सीजन में परियोजना 60 मेगावाट का विद्युत उत्पादन करती है। मानसून के 23 जून की सक्रियता के बाद अगस्त माह के पहले सप्ताह तक विद्युत परियोजना अधिकारियों के मुताबिक 50 प्रतिशत विद्युत उत्पादन तक सिमट गया है।

गौर हो कि जिला सिरमौर की एकमात्र 60 मेगावाट गिरि जल विद्युत परियोजना पीक सीजन में साढ़े 14 लाख यूनिट बिजली जनरेट करती है, जबकि इस मर्तबा मानसून की सुस्त रफ्तार और बारिश की कमी के चलते मात्र नौ लाख यूनिट बिजली ही जनरेट हो पाई है। जिला सिरमौर में मौसम विभाग के अनुसार 23 जून के बाद 31 जुलाई तक सामान्य से 45 प्रतिशत तक कम वर्षा रिकॉर्ड हुई है।

उधर गिरि जल विद्युत परियोजना के आवासीय अभियंता इंजीनियर राहुल राणा ने बताया कि गिरि जल विद्युत परियोजना में कम वर्षा के चलते इस मर्तबा पीक सीजन में भी एक टरवाईन ही मौजूदा पानी के डिस्चार्ज से चल पा रही है। वहीं पीक सीजन के दौरान भी इस मर्तबा नौ लाख यूनिट प्रतिदिन जनरेशन हो पा रही है, जबकि पीक सीजन में परियोजना साढ़े 14 लाख यूनिट विद्युत जनरेशन देती है। मौसम विभाग के निदेशक डा. मनमोहन सिंह ने बताया कि प्रदेश भर में इस मर्तबा मानसून के सामान्य रूख से 28 प्रतिशत कम वर्षा हुई है, जबकि जिला सिरमौर में सामान्य से कम वर्षा का आंकड़ा 45 प्रतिशत तक कम रिकॉर्ड किया गया है।