गृहमंत्री शाह को कोरोना

By: Aug 4th, 2020 12:05 am

देश के गृहमंत्री अमित शाह कोरोना वायरस से संक्रमित हो गए हैं। कुछ और अतिविशिष्ट चेहरे भी संक्रमित हैं। शाह गुरुग्राम के मेदांता अस्पताल में उपचाराधीन हैं। उन्हें कोरोना के हल्के और शुरुआती लक्षण महसूस हुए, लेकिन जांच कराने पर पॉजिटिव पाए गए, लिहाजा डॉक्टरों की सलाह पर वह अस्पताल में हैं। गृहमंत्री ने ट्विटर के जरिए खुद ही यह सूचना देश के साथ साझा की और अनुरोध किया कि उनके संपर्क में आने वाले जांच कराएं और आइसोलेट कर लें। देश के प्रधानमंत्री समेत लगभग सभी केंद्रीय मंत्री घंटों उनके संपर्क में रहे, क्योंकि नई शिक्षा नीति के मसविदे को स्वीकृति देने के लिए बीते बुधवार को कैबिनेट बैठक थी। बैठक करीब दो घंटे चली। हालांकि कैबिनेट बैठक के मद्देनजर काफी एहतियात बरते जाते हैं। प्रत्येक मंत्री का तापमान देखा जाता है। ज्यादा तापमान होने पर मंत्री बैठक में शामिल नहीं हो सकता। मंत्रियों के सरकारी वाहन एक निश्चित स्थान पर रोकने होते हैं और मंत्री पैदल ही प्रधानमंत्री आवास के भीतर जाते हैं।

मास्क सभी के लिए अनिवार्य है और सेनेटाइजेशन से हाथ संक्रमण-मुक्त कराने की कोशिश की जाती है। कैबिनेट बैठक की सार्वजनिक तस्वीरों से स्पष्ट है कि प्रधानमंत्री और मंत्री कितने फासले पर बैठते हैं, लेकिन डा. स्वाति माहेश्वरी सरीखे चिकित्सकों का मानना है कि यदि कोई व्यक्ति 45 मिनट से ज्यादा समय तक किसी संक्रमित व्यक्ति के साथ बैठता है, तो उसे भी कोरोना हो सकता है। चूंकि कैबिनेट की बैठक बंद कमरे में करीब दो घंटे चली थी, लिहाजा वायरस के कण हवा में तैरते रहे और वे किसी को भी संक्रमित कर सकते हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन भी ऐसे शोध को स्वीकार कर चुका है कि कोरोना हवा के जरिए भी फैल सकता है और कोरोना के कण लंबे समय तक हवा में जिंदा रह सकते हैं। चिकित्सक यह भी मान रहे हैं कि कैबिनेट में आपसी संपर्क कितनी देर का रहा। बैठक के बाद मंत्रीगण आपस में कितनी दूरी रखकर मिले और बात करते रहे। कोरोना का संक्रमण इन स्थितियों के आधार पर असरदार साबित होगा। गृहमंत्री शाह को हमने दफ्तर और आवास पर हमेशा एहतियातों के साथ देखा है। आवास पर सेनेटाइजेशन का खास इस्तेमाल किया जाता है। चूंकि यह आपदाकाल है और गृहमंत्री के नाते वह देश की आपदा प्रबंधन समितियों के मुख्य सूत्रधार हैं, लिहाजा उन्हें सभी बैठकों में मास्क पहने और पर्याप्त दूरी पर बैठे देखा है। वह गृह और स्वास्थ्य मंत्रालयों के अधिकारियों से अक्सर विमर्श करते रहे हैं। अनलॉक-3 के दिशा-निर्देश तय करने में भी उनकी प्रमुख भूमिका रही है। गृहमंत्री ने शनिवार को पश्चिम बंगाल के सांसदों से भी मुलाकात की थी। उन्होंने लोकमान्य तिलक की 100वीं पुण्यतिथि के समारोह की भी अध्यक्षता की थी। ऐसी बैठकें और व्यस्तता गृहमंत्री के नाते स्वाभाविक भी होती हैं। न जाने किसका संक्रमण गृहमंत्री तक भी पहुंच गया? चिंताजनक यह है कि वह मधुमेह से पीडि़त भी हैं। ऐसे व्यक्ति के लिए कोरोना घातक साबित हो सकता है। यदि तमाम सावधानियों और सतर्कता के बावजूद देश के गृहमंत्री कोरोना संक्रमित पाए गए हैं, तो यह चिंतित और खतरनाक संकेत है। एक तरफ  गृहमंत्री संक्रमित हुए, तो दूसरी ओर तमिलनाडु के राज्यपाल बनवारी लाल पुरोहित तथा राजभवन के 87 कर्मचारी भी कोरोना की चपेट में आ गए। कर्नाटक के मुख्यमंत्री येदियुरप्पा भी संक्रमित हो गए हैं। उप्र में तकनीकी शिक्षा मंत्री कमल रानी वरुण का कोरोना संक्रमण के कारण रविवार को ही निधन हो गया। उप्र भाजपा अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह भी संक्रमित हैं। सुखद खबर यह है कि ‘महानायक’ अमिताभ बच्चन का टेस्ट नेगेटिव आया है और वह 22 दिन अस्पताल में रहने के बाद अपने घर लौट चुके हैं। हालांकि उनके बेटे अभिषेक किन्हीं कारणों से अब भी अस्पताल में हैं। दरअसल कोरोना वायरस की यह स्थिति हमें चेतावनी दे रही है कि वह किसी भी अतिविशिष्ट या आम आदमी को अपने संक्रमण के घेरे में ले सकता है। अयोध्या में श्रीराम जन्मभूमि से जुड़ा समारोह प्रभावित नहीं होगा। प्रधानमंत्री और ज्यादातर मंत्री स्वस्थ हैं। लेकिन कोरोना संक्रमितों का आंकड़ा 18 लाख को पार कर चुका है। बीते रविवार को 24 घंटे के दौरान अभी तक के सबसे ज्यादा 60,391 नए मरीज सामने आए हैं और मौतें 857 हुई हैं। ये आंकड़े वाकई डराने वाले हैं, हालांकि ठीक होकर घर जाने वालों की संख्या भी 12 लाख को छूने वाली है। सरकार को पूरे परिदृश्य  पर पुनर्विचार करना पड़ेगा।


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