हमीरपुर में नहीं मिल रहीं फ्री दवाइयां-इंजेक्शन
राधाकृष्णन मेडिकल कालेज में बाहर से मेडिसिन खरीद कर ला रहे मरीज
हमीरपुर – राधाकृष्णन मेडिकल कालेज हमीरपुर के निशुल्क दवाई काउंटर पर कई जीवन रक्षक दवाइयां और इंजेक्शन नहीं मिल रहे हैं। कोरोना काल में मेडिकल कालेज में उपचार को आए मरीजों व तीमारदारों को इन दवाइयों व टीकों के लिए बाहरी मेडिकल स्टोर में भटकना पड़ रहा है। वहीं निःशुल्क मिलने वाली इन दवाइयों और टीकों के लिए बाहर रुपए खर्च करने पड़ रहे हैं। इस कारण लोगों ने मेडिकल कालेज प्रबंधन की कार्यप्रणाली पर रोष जताया है। स्वास्थ्य विभाग की ईडीएल सूची में शामिल इन दवाइयों व टीकों के लिए लोगों को बाहर भटकना पड़ रहा है। अस्पताल के निशुल्क दवाई काउंटर पर किडनी रोगियों को लगने वाले एथ्रोप्रोटीन टीका, दिल के रोगियों को लगने वाला एनकलेक्स नहीं मिल रहा है। इसके अलावा एंटी रैबीज वैक्सीन और कैल्शियम की दवाइयां भी अरसे से खत्म पड़ी हैं। एआरवी तो करीब चार माह से अस्पताल में नहीं मिल रहा है। कुत्ते, बंदर आदि के काटने पर लोगों को बाहर से 350 रुपए में एक टीका मंगवाना पड़ रहा है, क्योंकि सरकारी अस्पतालों में यह निःशुल्क मिलता है तो अधिकतर मेडिकल स्टोर संचालक इसे अपनी दुकान में रखते भी नहीं हैं। इस कारण लोगों को एआरवी कभी-कभार जिला के बाहर से भी मंगवाना पड़ रहा है।
अस्पताल आए रोगियों व तीमारदारों अखिल कुमार, संजीव सेठी, जोगिंद्र कुमार का कहना है कि अस्पताल के अंदर निःशुल्क मिलने वाली इन दवाइयों व टीकों के लिए बाहरी मेडिकल स्टोर का रुख करना पड़ रहा है। वहां इन दवाइयों के दाम चुकाने पड़ रहे हैं। गरीब लोगों को अस्पताल के निःशुल्क दवाई काउंटर का उचित लाभ नहीं मिल रहा है। लोगों ने अस्पताल में जीवन रक्षक दवाइयां व टीके उपलब्ध करवाने की मांग की है।
उधर, इस संबंध में चिकित्सा अधीक्षक डा. अनिल वर्मा का कहना है कि किडनी रोगियों को टीका डायलिसिस यूनिट में लगता है। एआरवी के लिए आर्डर दिए हैं, लेकिन सप्लाई नहीं हो रही है। कैल्शियम व दिल के रोगियों के टीके खत्म होने बारे पता किया जाएगा।
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