जान जोखिम में डाल निभा रहे फर्ज

सिटी रिपोर्टर—ऊना

जिला में फायर ब्रिगेड कर्मचारी अपनी जान को जोखिम में डालकर कोरोना वॉरियर्स होने का फर्ज अदा कर रहे हैं। फ्रंटलाइन पर जाकर कोरोना वायरस से लड़ाई लड़ने वालों पर प्रशासन सहित किसी भी सामाजिक संस्था की नजर नहीं पड़ी है। कोरोना वॉरियर्स के रूप में सेवाएं दे रहे चिकित्सकों, पुलिस विभाग में तैनात कर्मचारियों को सम्मानित किया जाता रहा है। लेकिन इस सम्मान से फायर कर्मचारियों को अभी तक बेरुखी ही मिली है। सरकारी आदेशों की पालना करते हुए ये अग्रिम पंक्ति में जाकर कोरोना वायरस को नष्ट कर रहे हैं ताकि कोई अन्य इसकी चपेट में न आ जाए। ऊना में 23 मार्च के बाद से ही फायर बिग्रेड अधिकारियों व कर्मचारियों को सेनेटाइज करने का जिम्मा दे दिया गया।

कोरोना पॉजिटिव आने के बाद प्रशासन द्वारा नामजद क्षेत्र को कंटेनमेंट जोन बना दिया जाता है और पुलिस का पहरा लगा दिया जाता है और हर कोई पॉजिटिव आने वालों के संपर्क में आने से दूर भागता है। ऐसी स्थिति में जब कोई भी पॉजिटिव आने वाले के घर में जाने से कतराता है तो फायर बिग्रेड कर्मचारियों को कोरोना संक्रमित आने वाले लोगों के घर में सेनेटाइज करने के लिए जाना पड़ता है। अपनी जान को जोखिम में डालकर फायर कर्मचारी पॉजिटिव आने वाले लोगों के घरों के बाहर व कमरों के अंदर जाकर सेनेटाइजेशन करते हैं। कोरोना वॉरियर्स के तौर पर कार्य कर रहे फायर बिग्रेड कर्मचारियों ने मंदिर, गुरुद्वारों, घरों व दुकानों में जाकर पीपीई किट का प्रयोग कर किटाणुनाशक केमिकल का छिड़काव किया है। इस मुहिम में ऊना अग्निशमन केंद्र, टाहलीवाल फायर पोस्ट व अंब फायर पोस्ट के कर्मचारी दिन-रात अपनी सेवाएं दे रहे हैं। इतना अधिक कार्य करने के बावजूद अग्रिम पंक्ति में कोरोना वॉरियर्स बने फायर बिग्रेड कर्मचारियों के जोखिम भरे कार्य पर किसी की भी नजर नहीं पड़ी है।