जनजातीय क्षेत्रों के लिए 1758 करोड़

सरकार ट्राइबल एरिया के लिए चला रही कई योजनाएं, बजट में योजनाओं के लिए 1008 करोड़ रुपए का प्रावधान

शिमला – राज्य सरकार ने जनजातीय क्षेत्रों के विकास के लिए 1758 करोड़ रुपए का बजट निर्धारित किया है, जो कि योजना बजट का नौ फीसदी का हिस्सा है। जनजातीय क्षेत्रों के विकास के लिए सरकार ने कई योजनाएं चलाई हैं। तय बजट में 1008 करोड़ रुपए योजना तथा 750 करोड़ रुपए गैर-योजना में प्रावधित किए गए हैं। योजना बजट में मुख्यतः भवन, सड़कों व पुलों के निर्माण के लिए 177.61 करोड़, शिक्षा सेवाओं के लिए 164.89 करोड़, स्वास्थ्य सेवाओं के लिए 113.06 करोड़ तथा सिंचाई एवं पेयजल योजनाओं के लिए 128.84 करोड़ रुपए बजट में उपलब्ध करवाए गए हैं।

सीमा क्षेत्र विकास योजना के अंतर्गत वर्ष 2018-19 में 25.95 करोड़ रुपए केंद्रीय भाग तथा 2.88 करोड़ राज्य भाग के रूप में व्यय किए गए तथा वर्ष 2019.20 तथा 2020.21 के लिए 25.00 करोड़ रुपए केंद्रीय भाग तथा 2.78 करोड़ रुपए राज्य भाग के रूप में प्रावधित किए गए हैं। विशेष केंद्रीय सहायता के अंतर्गत जनजातीय कार्य मंत्रालय से वर्ष 2018-19 के दौरान कुल 36.28 करोड़ रुपए की अनुदान राशि प्राप्त हुई, जिसमें 15.70 करोड़ रुपए की अतिरिक्त अनुदान राशि राज्य सरकार के प्रयासों के परिणामस्वरूप प्राप्त हुई। इसी प्रकार वर्ष 2019-20 के दौरान कुल 23.94 करोड़ की अनुदान राशि में 5.34 करोड़ की अतिरिक्त अनुदान राशि भी शामिल है।

संविधान के अनुच्छेद 275.1 के अंतर्गत जनजातीय कार्य मंत्रालय भारत सरकार से वर्ष 2018-19 के दौरान कुल 33.78 करोड़ की अनुदान राशि प्राप्त हुई, जिसमें 11.36 करोड़ की अतिरिक्त अनुदान राशि राज्य सरकार के प्रयासों के परिणाम स्वरूप एकलव्य आदर्श आवासीय स्कूलों के भवन निर्माण प्राप्त हुई। इसी प्रकार वर्ष 2019-20 के दौरान कुल 23.14 करोड़ रुपए की अनुदान राशि में 28.71 करोड़ रुपए की अतिरिक्त अनुदान राशि भी शामिल है।

पांगी-भरमौर में टेलिमेडिसिन

वर्ष 2018-19 के दौरान जनजातीय क्षेत्र पांगी व भरमौर में टेलिमेडिसिन की सुविधा प्रदान करने का निर्णय लिया गया, जिसके अंतर्गत वर्ष 2019-20 में 1.74 करोड़ तथा वर्ष 2020-21 में 1.93 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है। किन्नौर तथा काजा में यह सुविधा पहले से ही चल रही है। सर्दियों में जनजातीय क्षेत्रों के लिए सरकार द्वारा हेलिकॉप्टर सेवा प्रदान की जाती है। वर्ष 2019-20 के दौरान कुल 61 हेलिकॉप्टर उड़ानें की गईं, जिससे 1973 लोगों को लाभ मिला। वर्ष 2018-19 के दौरान हेलिकॉप्टर सेवा के लिए अनुदान के लिए मामला भारत सरकार से उठाया गया, जिसके फलस्वरूप जनजातीय कार्य मंत्रालय, भारत सरकार से पहली बार चार करोड़ रुपए अनुदान राशि के रूप में प्राप्त किए गए तथा वर्ष 2019-20 के दौरान भी चार करोड़ रुपए प्राप्त हुए हैं।