काले बिल्ले लगाकर किया काम

अर्की-प्रदेश सरकार द्वारा अनुबंध आधार पर लगे डाक्टरों के वेतन में कटौती को लेकर अर्की अस्पताल में चिकित्सकों ने काले बिल्ले लगा कर काम किया। वरिष्ठ चिकित्सक डाक्टर केशव बेणीपाल ने सरकार के इस निर्णय को दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए कहा है कि सरकार का यह निर्णय न तो प्रदेश के हित में है और न ही डाक्टरों के हित में। उन्होंने कहा है कि सरकार को अपने इस फरमान को तुरंत वापस लेना चाहिए। आज जबकि पूरा विश्व कोविड-19 की महामारी झेल रहा हैं ऐसे में यही डाक्टर लोगों की ढाल बन कर आगे आए हैं। उन्होंने कहा है कि इस प्रकार का कोई भी फरमान इनके मनोबल पर विपरीत असर डाल सकता है। उनका कहना था कि एक एमबीबीएस डाक्टर अपनी पांच साल की कड़ी मेहनत के बाद अपनी सभी परीक्षाएं उर्त्तीण करने के उपरांत मानव सेवा के लिए डाक्टर बनता है। इस दौरान उसे अपनी ड्यूटी में भी प्रतिदिन पढ़ाई करते हुए लोगों की सेवा करनी होती है। उन्होंने कहा कि सरकार के इस निर्णय से इन्हें जुलाई में 26,250 रुपए वेतन मिला है जबकि पहले 34,350 रुपए मिलते थे। इस प्रकार सीधे ही इनके वेतन से 8100 रुपए प्रति माह कम हो गए है।

उन्होंने इस कटौती पर हैरानी जताते हुए कहा है कि एक डाक्टर का वेतन 26 हजार होना इनके साथ एक बहुत बड़ा अन्याय है, क्योंकि आज एक चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारी का वेतन भी इससे कही अधिक है। उन्होंने अनुबंध आधार पर लगें डाक्टरों से पहले दी गई ग्रेड पे से किसी भी प्रकार की रिकवरी को भी पूरी तरह अनुचित ठहराया है। अस्पताल के चिकित्सकों ने  विसंगतियों को दूर करने की मांग करते हुए राज्य सरकार से नए नियुक्त होने वाले डाक्टरों को किसी भी अनुबंध की जगह स्थायी नियुक्ति देने की मांग की है। उन्होंने कहा कि ऐसा करने से एक तरफ प्रदेश में डाक्टरों की कमी पूरी होगी व दूसरी तरफ इनके बढ़ते पलायन को भी रोका जा सकता है। डाक्टर प्रदीप ने बताया कि यदि प्रदेश सरकार इस कटौती के निर्णय को नौ अगस्त तक वापस नहीं लेती है तो चिकित्सक पेन डाउन स्ट्राइक करेंगे।