कल से लें मछली का स्वाद

दो महीने का प्रतिबंध हटते ही संडे को सोसायटियों में पहुंच जाएगी सप्लाई

टीम-जवाली, हरिपुर, नगरोटा सूरियां-पौंग झील में मत्स्य आखेट पर करीबन दो माह तक प्रतिबंध के बाद शनिवार को प्रतिबंध हट जाएगा तथा मछुआरों ने भी मछली शिकार के लिए पूरी तैयारी कर ली है। शुक्रवार को मछुआरों ने अपनी-अपनी नावों की रिपेयर करवाकर या नई नाव बनवा कर पौंग झील में पहुंचा दीं। दो माह के बाद पौंग झील के पानी में किश्तियां तैरती दिखीं। झील में किश्तियां पहुंचने से अब पौंग झील गुलजार हो गई है। वर्ष 1971 में पौंग बांध बनने के बाद कुछेक विस्थापितों ने झील में मछली पकड़ने का कार्य आजीविका के लिए शुरू किया।

पहले झीबर समुदाय के लोग ही मछली पकड़ने का कार्य करते थे, लेकिन अब हर समुदाय के लोग इस कार्य को अंजाम देते हैं। अब करीबन 2300 मछुआरे मछली पकड़ने का कार्य करके परिवार का पालन-पोषण करते हैं जो कि सर्दी-गर्मी या बारिश में लगातार अपने कार्य को अंजाम देते हैं। दो माह तक मत्स्य आखेट प्रतिबंधित होने के कारण मछुआरों को परिवार के पालन-पोषण के लाले पड़ जाते हैं।

हालांकि मछुआरों को मत्स्य विभाग की तरफ  से राहत भत्ता दिया जाता है, लेकिन भत्ता नाकाफी होने के कारण उनको दिहाड़ी इत्यादि लगाकर परिवार का पालन-पोषण करना पड़ता है। मत्स्य विभाग अनुसार 15 अगस्त शनिवार को शाम को मछुआरे झील में मछली पकड़ने का जाल डाल देंगे तथा 16 अगस्त को मत्स्य सोसायटीज में पौंग झील की मछली पहुंच जाएगी। 2300 मछुआरों के साथ-साथ पौंग झील की मछली खाने के शौकीनों को भी मछली का स्वाद चखने को मिलेगा। मछली के शौकीन भी वेसब्री से झील के खुलने का इंतजार कर रहे हैं।