खनिज की कमाई में हो रहा घाटा

By: विशेष संवाददाता — शिमला Aug 11th, 2020 12:02 am

वन संरक्षण अधिनियम ने बांधे सरकार के हाथ, लीज पर पट्टों को नहीं मिल रही मंजूरी

विशेष संवाददाता — शिमला

हिमाचल प्रदेश में खनिज से कमाई जितनी हो सकती है, वे नहीं हो पा रही। एक तरफ जो खनन पट्टे लीज पर दिए गए हैं, उन्हें मंजूरियां नहीं मिल पा रही, वहीं दूसरी तरफ जहां बड़ी संख्या में लीज दी जा सकती है, वहां फोरेस्ट एक्ट काम नहीं करने देता। ऐसे राज्य में आठ जिला हैं, जहां फोरेस्ट एक्ट के कारण अड़चनें पैदा हो रही हैं। आलम यह है कि अभी प्रदेश सरकार को खनिज से 200 करोड़ रुपए तक की सालाना आय हो रही है, जो कि 500 करोड़ रुपए तक हो सकती है।

इसे बढ़ाने के लिए कोई कारगर कदम नहीं उठाया जा सका है। जनजातीय जिला किन्नौर, लाहुल-स्पीति के अलावा चंबा, मंडी, कुल्लू, बिलासपुर, शिमला व नालागढ़ क्षेत्र को छोड़कर शेष स्थानों पर सरकारी जमीन फोरेस्ट एक्ट में पड़ती है। ऊना, कांगड़ा, हमीरपुर व सोलन में सरकारी जमीन इस दायरे में नहीं आती। प्रदेश के आठ जिलों में वन संरक्षण अधिनियम-1980 ने सरकार के हाथ बांध रखे हैं, जिसके कारण सरकार को होने वाली 500 करोड़ रुपए की आमदनी 200 करोड़ रुपए में सिमट कर रह गई है। इन जिलों में खाली पड़ी सरकारी जमीन को वन भूमि घोषित किया गया है।

यहां के नदी-नालों से निकलने वाले खनिजों के लिए किसी भी व्यक्ति को प्रति हेक्टेयर दस लाख रुपए तक का शुल्क चुकाना पड़ता है। ऊना, हमीरपुर, कांगड़ा जिलों में खाली पड़ी जमीन में पाए जाने वाले खनिजों की सस्ते मूल्य पर नीलामी हो सकती है। प्रधान सचिव वित्त प्रबोध सक्सेना का कहना है कि खनन पर अनावश्यक कानून के कारण बहकर जाने वाले खनिजों का दूसरे राज्य लाभ उठा रहे हैं।

नहीं की जा सकती अवहेलना

राज्य के भू-विज्ञानी पुनीत गुलेरिया का कहना है कि कई लीज अभी तक चालू नहीं हो सकी हैं, क्योंकि पर्यावरणीय मंजूरियां नहीं मिली। राज्य में वन अधिनियम के लागू होने से परेशानी है, जिसकी अवहेलना नहीं की जा सकती। बरसात में बड़े पैमाने पर खनिज दूसरे राज्यों में चला जाता है, जिसे रोक पाना मुश्किल है। इस समय प्रदेश में वैज्ञानिक तरीके से खनन की 400 लीज दी गई है, जबकि 221 नीलामी प्रक्रिया से आबंटित हैं और सरकार को करीब 200 करोड़ रुपए का राजस्व एकत्र होता है।


Keep watching our YouTube Channel ‘Divya Himachal TV’. Also,  Download our Android App