मंडी अस्पताल में गिरा ओपीडी का ग्राफ
पांच दिन में हजार का आंकड़ा भी नहीं हुआ पूरा, कोरोना के खौफ के चलते निजी अस्पतालों का रुख कर रहे मरीज
मंडी-जिला के बड़े अस्पतालों में से एक जोनल अस्पताल में कोरोना के मामले सामने आने के बाद मरीज आने से परहेज कर रहे हैं। अस्पताल की ओपीडी 90 प्रतिशत तक कम हो गई है। गत पांच दिन में ओपीडी 1000 के आंकड़े को भी नहीं छू पाई है। आलम यह है कि मजबूरी में मरीज अधिक पैसे खर्च कर निजी अस्पतालों का रुख कर रहे हैं। जोनल अस्पताल में कोरोना पॉजिटिव मामले सामने आने के बाद से मरीजों व तीमारदारोें ने अस्पताल में उपचार के लिए आने से किनारा कर लिया है।
जोनल अस्पताल के स्टाफ सदस्य व सफाई कर्मचारी से लेकर महिला चपरासी तक कोरोना की गिरफ्त में आ गए हैं, जिससे अस्पताल प्रबंधन के साथ-साथ स्टाफ व मरीजों में भी हड़कंप मच गया है। इसी कारण लोग अस्पताल परिसर में प्रवेश करने से भी कतरा रहे हैं। बता दें कि जोनल अस्पताल इस समय जिला भर के मरीजों को स्वास्थ्य सुविधाएं देने का कार्य कर रहा है। क्योंकि नेरचौक मेडिकल कालेज व अस्पताल केवल कोविड 19 डेडिकेटिड अस्पताल के रूप में कार्य कर रहा है। ऐसे में मेडिकल कालेज में इस समय कोई ओपीडी नहीं लग रही है, उसे आम जनता के लिए बंद कर दिया गया है। मेडिकल कालेज में केवल कोविड 19 मरीजों का ही उपचार किया जा रहा है। ऐसे में जोनल अस्पताल पर जिला का भी भार आ जाता है। दूरदराज व ग्रामीण क्षेत्रों से मरीज उपचार के लिए अस्पताल आते हैं। जब से मरीजों को जोनल अस्पताल में कोरोना पॉजिटिव मामले आने की बात पता चलती है तो अन्य निजी अस्पतालों का रुख कर रहे हैं।
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