मंजूर प्रोजेक्टों को पैसा अगले साल

केंद्र ने दी हिदायत, रेणुका सहित फ्लड प्रोटेक्शन स्कीमों को अभी नहीं मिलेगी राशि

विशेष संवाददाता—शिमला

केंद्र सरकार से जो भी प्रोजेक्ट इस साल मंजूर हो रहे हैं, उनको पैसा अगले वित्त वर्ष के बजट में मिलेगा। केंद्र सरकार ने यह साफ कर दिया है कि वह इस साल अप्रूव्ड योजनाओं को पैसा नहीं देगी। यह फैसला कोविड के कारण लिया गया था, लिहाजा हिमाचल के जो छह प्रोजेक्ट मंजूर हुए हैं, उनको अगले साल ही पैसा मिल पाएगा। यहां पर रेणुका डैम सहित अन्य पांच फ्लड प्रोटेक्शन स्कीमों को मंजूरी मिली है।

इसमें नदियों का तटीकरण किया जाना है, ताकि वहां आसपास के क्षेत्रों को नुकसान न हो। करीब 7700 करोड़ रुपए के यह प्रोजेक्ट मंजूर हुए हैं, जिसमें अकेले रेणुका डैम की ही लागत 6946 करोड़ रुपए है। इसके अलावा पब्बर तटीकरण की जो योजना है, उसके लिए 190 करोड़ की इन्वेस्टमेंट क्लीयरेंस मिली है, लेकिन यह राशि अगले साल ही मिलेगी और तभी इस पर काम शुरू होगा। हालांकि अभी इकनॉमिक अफेयर मंत्रालय की कैबिनेट कमेटी को मामला जाना है और तब तक वहां से भी मंजूरी हासिल हो जाएगी।

फ्लड प्रोटेक्शन की जो अन्य योजनाएं हैं, उनमें यमुना बेसिन की 250 करोड़ की योजना है, वहीं नकेड़ खड्ड की 231 करोड़, सीर खड्ड की 160 करोड़ और मंडी की 145 करोड़ रुपए की योजना है। इन सभी के लिए हाल ही में इन्वेस्टमेंट क्लीयरेंस मिली है और जल शक्ति विभाग ही इनपर काम करेगा। हिमाचल के लिए अहम बात यह है कि केंद्र सरकार ने इन सालों से रुकी हुई योजनाओं को कोरोना काल में अपनी मंजूरी प्रदान कर दी है। जिन प्रोजेक्टों को अब मंजूरी हासिल हुई है, वह महत्त्वपूर्ण हैं और सालों पहले इनकी योजना बनाई गई थी। इससे नदियों व खड्डों का तटीकरण हो सकेगा, जिससे यहां पर आसपास के क्षेत्रों में बरसात के दिनों में पानी का बहाव नहीं होगा। बरसात में यहां साथ लगते क्षेत्रों का बड़ा नुकसान होता है।

स्वां सबसे बड़ा प्रोजेक्ट

राज्य में तटीकरण का सबसे बड़ा प्रोजेक्ट स्वां नदी का है, जिसमें तटीकरण किया गया है। इसकी भी सहायक नदियां हैं, जिनमें तटीकरण किया जाना है। स्वां के तटीकरण से एक बड़ा भू-भाग बचाया जा सका है, वरना हर साल बड़ा नुकसान यहां पर होता रहा है। अब दूसरे क्षेत्रों में अगले साल काम होगा।