मनाली-लेह की सड़कें बनीं नाले

वाहन चालकों की दिक्कतें बढ़ीं; सेना की गाडि़यों के भी थम रहे पहिए, बीआरओ ने जगह-जगह जवानों सहित मशीनें की तैनात

केलांग-मनाली-लेह मार्ग पर वहने वाले नाले इन दिनों वाहन चालकों के लिए नई आफत बने हुए हैं। लाहुल घाटी के अधिकत क्षेत्रों में नाले इन दिनों उफान पर बह रहे हैं। ऐसे में सीमा पर सेना की ताकत बढ़ाने के लिए मनाली-लेह मार्ग से गुजर रहे सेना के वाहनों के काफिले भी उफान पर बह रहे नालों के कारण जगह-जगह रूक रहे हैं। हालांकि वाहन चालकों का यह कहना है कि क्षेत्र की भूगौलिक स्थिती को ध्यान में रख गर्मियों में मनाली-लेह मार्ग पर सफर सुबह के समय ही करना चाहिए। दोपहर बाद मनाली-लेह मार्ग के विभिन्न क्षेत्रों में नाले अपने रौद्र रूप पर बहने लगते हैं।

ऐसे में इन दिनों भी हालात कुछ ऐसे ही बने हुए हैं। मनाली-लेह मार्ग पर इन दिनों नालों में बढ़ रहे पानी ने वाहन चालकों की दिक्कत बढ़ा दी है। दारचा से सरचू के बीच नालों में दोपहर बाद पानी बढ़ रहा है, जिस कारण राहगीरों को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। कोविड-19 के कारण इस साल पर्यटकों की आवाजाही नहीं है, लेकिन रसद लेकर सेना के वाहनों की आवाजाही 24 घंटे जारी है। सेना की आवाजाही को सुचारू रखने को बीआरओ सतर्क है।

भू-स्खलन व नालों वाले स्थानों को चिन्हित कर जगह-जगह मशीनरी तैनात की गई है। लाहुल से मनाली लोटे वाहन चालक अमित ने बताया कि केलांग सराय सहित भरतपुर सिटी व आसपास के नालों में दोपहर बाद पानी बढ़ रहा है, जिस कारण वाहन चालकों की दिक्कतें बढ़ गई हैं। बीआरओ की मानें तो लेह मार्ग पर इन दिनों सड़क मरम्मत का कार्य जारी है साथ ही आधा दर्जन पुलों का निर्माण कार्य चल रहा है। बीआरओ इस साल लेह मार्ग का सफर सुगम करने जा रहा है। अटल टनल के बनते ही एक ओर जहां मनाली से लेह की दूरी 46 किलो मीटर कम हो  जाएगी, वहीं भव्य पुलों के निर्माण से इस सड़क पर सफर ओर सुगम हो जाएगा। इस मार्ग पर दारचा का 360 मीटर लंबा पुल सबसे भव्य व आकर्षक बनने जा रहा है।