नई पेंशन स्कीम सिर्फ सरकार की हड़प नीति
सुलयाली – न्यू पेंशन स्कीम के तहत कर्मचारियों की बेसिक सैलरी और महंगाई भत्ते से 10 फीसदी हिस्सा काट लिया जाता है और उसमें 14 फीसदी रकम सरकार द्वारा मिलाकर तीन कंपनियों में निवेश कर दिया जाता है। ये कंपनियां इस पैसे को अलग-अलग फंड मैनेजर के माध्यम से निवेश करती हैं, जहां यह रकम कर्मचारी के रिटायरमेंट तक जमा रहती है।
ये शब्द न्यू पेंशन स्कीम रिटायर्ड कर्मचारी महासंघ के अध्यक्ष संजीव गुलेरिया ने कहे। डाक्टर संजीव गुलेरिया ने इसे सरकार की हड़प नीति की संज्ञा दी। उन्होंने कहा कि यह नुकसान न केवल कर्मचारियों का है, बल्कि देश की अर्थव्यवस्था के लिए भी यह अच्छा नहीं है।
श्री गुलेरिया ने बताया कि कर्मचारियों के साथ समस्या यह है कि इस रकम में से उनके हिस्से का अधिकतम 25 फीसदी पैसे केवल विशेष परिस्थितियों में ही निकालने की छूट दी गई है और यह विशेष परिस्थितिया भी अत्यन्त अव्यावहारिक हैं। उनका आरोप है कि सरकार कर्मचारी के हिस्से को अनैतिक आधार पर हड़प कर प्राइवेट सेक्टर को बांट रही है।
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