नई पंचायतें बनाने का दांव खेलेगी सरकार; सोलन, पालमपुर, मंडी को नगर निगम बनाने की प्लानिंग

By: Aug 3rd, 2020 12:08 am

चुनावों से पहले सोलन, पालमपुर, मंडी को नगर निगम बनाने की भी है प्लानिंग

शिमला – हिमाचल प्रदेश में जयराम सरकार नई पंचायतों और नगर पंचायत के साथ नगर निगम बनाए जाने का दांव खेल सकती है। सूत्रों के अनुसार, इस बारे में अगले एक-दो दिन में फैसला हो सकता है कि प्रदेश में अभी पंचायती राज संस्थाओं के चुनाव तय समय पर होंगे या फिर नहीं। इस संबंध में सोमवार को मुख्यमंत्री और राज्य चुनाव आयुक्त के बीच चर्चा होने की संभावना है। मुख्य सचिव के साथ मुख्यमंत्री की इस विषय में बात हुई है और प्रदेश के लिए यह महत्त्वपूर्ण है। जयराम सरकार पहले से यह चाहती थी कि यहां पर नई ग्राम पंचायतों का गठन किया जाए, मगर केंद्र सरकार ने जनगणना का काम शुरू कर दिया था।

इसके चलते जनगणना विभाग ने नई पंचायतों के गठन को रोक दिया, मगर अब दिसंबर 2020 तक मंजूरी मिल गई है। ऐसे में जयराम सरकार चाहती है कि यदि मौका मिल ही गया है, तो रुके हुए काम को पूरा कर लिया जाए। सूत्र बताते हैं कि राज्य में 200 से 250 नई पंचायतों का गठन किया जा सकता है। अभी 3226 पंचायतें हैं, जिनकी संख्या में इजाफा हो सकता है। इतना ही नहीं, वर्तमान में सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री सरवीण चौधरी चाहती हैं कि उनके विधानसभा क्षेत्र में आने वाले शाहपुर को नगर पंचायत बनाया जाए, वही जल शक्ति मंत्री महेंद्र सिंह भी धर्मपुर को शहरी स्थानीय निकाय में परिवर्तित करवाना चाहते हैं। इसी तरह से कई दूसरे मंत्री व विधायक भी हैं, जिन्होंने नई पंचायतों या नगर पंचायतों को लेकर अपनी मांग रखी है। यही नहीं, राज्य में नई नगर निगम की स्थापना भी जयराम सरकार की सोच है।

इसमें पालमपुर के साथ सोलन और मंडी को नगर निगम में बदलने का विचार चल रहा है, जिसे लेकर मुख्यमंत्री के साथ चर्चा भी हो चुकी है। चूंकि यहां पर राज्य चुनाव आयोग ने अपनी प्रक्रिया शुरू कर दी है और दिसंबर महीने तक ये लोग चुनाव करवाने की तैयारी में हैं। इसे लेकर वार्ड मैपिंग भी कर दी गई है, जिसके लिए 31 अगस्त तक का समय था। चार लाख नए वोटरों को किस वार्ड में डाला जाएगा, इसका पूरा खाका तैयार किया जा चुका है। हालांकि यदि सरकार ने नई पंचायतों या नगर पंचायत व नगर निगम के गठन का फैसला ले लिया, तो यहां पर दोबारा से चुनावी प्रक्रिया शुरू करनी होगी। ऐसे में वर्तमान चुनावी व्यवस्था पूरी तरह से बदल जाएगी और इतना ही नहीं, चुनाव आगे के लिए भी खिसकाए जा सकते हैं।

खिसकाए जा सकते हैं पंचायत चुनाव

चुनाव जनवरी में संभावित हैं, मगर जिस तरह से दूसरे राज्यों आंध्र प्रदेश, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश व राजस्थान में कोविड के कारण इस चुनाव को डिले किया है, तो यहां भी कोविड का बहाना बनाकर इनको आगे खिसकाया जा सकता है। इसके लिए संविधान में भी प्रावधान करेंगे। हाल ही में जनगणना विभाग ने निर्देश दिए हैं कि सरकार अपनी प्रशासनिक यूनिट की बाउंडरी को बदल सकती है और 31 दिसंबर, 2020 तक इस काम को किया जा सकता है।


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