नगर निगम…आठ पंचायतें खिलाफ

सोलन एमसी की कवायद को लगा जोर का झटका, बैठक कर जताया विरोध

निजी संवाददाता-सोलन

प्रदेश सरकार की सोलन को नगर निगम बनाने की योजना को एक बार फिर झटका लगना शुरू हो गया है। शहर के साथ लगती आठ ग्राम पंचायतें अब इसके विरोध में उतर गई हैं। पंचायतों ने स्पष्ट कर दिया है कि नगर निगम के लिए ग्रामीण क्षेत्रों को शहर में मिलाने का पुरजोर विरोध किया जाएगा। जिला प्रशासन ने ग्राम पंचायत व ग्रामीण लोगों को विश्वास में बिना लिए ही आठ पंचायतों को नगर निगम में मिलाने की कवायद शुरू कर दी है।

आठ पंचायतों के प्रधान, उपप्रधान व वार्ड सदस्यों के साथ-साथ स्थानीय लोगों की विश्रामगृह सोलन में एक संयुक्त बैठक हुई। इस बैठक में ग्रामीण क्षेत्रों को नगर निगम में शामिल करने का जोरदार ढंग से विरोध किया गया। पंचायत प्रतिनिधियों का कहना है कि वह सोलन शहर को नगर निगम बनाने के विरोध में नहीं है लेकिन इसके लिए ग्रामीण क्षेत्रों को इसमें शामिल करना उचित नहीं। पंचायत प्रतिनिधियों का यह भी कहना है कि नगर निगम के लिए आवश्यक आबादी की शर्त को अब शहर पूरा कर रहा है।

2011 की जनगणना के अनुसार भले ही शहर की आबादी कम थी लेकिन अब 2021 में नई जनगणना होनी है। अब शहर की आबादी ही 50 हजार से अधिक हो गई है। इसलिए शहर के ही 15 वार्डों के आधार पर ही नगर निगम बनान चाहिए। इन पंचायत प्रतिनिधियों का यह भी कहना है कि नगर निगम बनने के बाद ग्रामीण सरकार की विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं से वंचित हो जाएंगे। इसके अलावा गरीब लोगों पर भारी भरकम टैक्स थोपे जाएंगे।

यहां पर विदित रहे कि सोलन को नगर निगम बनाने के लिए शहर के साथ  लगती आठ ग्राम पंचायतें बसाल, पड़ग, शामती, सपरून, आंजी, कोठों, सपरून व सलोगड़ा को सोलन में मिलाने की योजना है लेकिन पंचायतों ने इसका विरोध करना शुरू कर दिया है। अब देखना है कि सरकार इस विरोध के बावजूद इन पंचायतों को मिलाकर सोलन को नगर निगम बनाने का जोखिम उठाती है या फिर विरोध को देखते हुए वर्षों पुरानी इस मांग को फिर से ठंडे बस्ते में डाल देती है।