डिपो के नमक में आयोडीन है या नहीं, बिलासपुर में लिए गए सैंपल्स की आई अलग-अलग रिपोर्ट

By: Aug 8th, 2020 12:12 am

एनएचएम की टेस्ट किट फर्जी या खाद्य आपूर्ति की लैब में खोट

शिमला – हिमाचल प्रदेश के लोगों को सरकारी राशन के डिपो में दिए जाने वाले नमक में आयोडीन है या नहीं, इस पर सवाल खड़ा हो गया है। सरकार पौष्टिक आहार देने के लिए प्रयास कर रही है, जिसके चलते खाद्य पदार्थों में अलग से विटामिन की व्यवस्था की जा रही है। ऐसे में डिपो में मिलने वाले नमक में आयोडीन को लेकर सवाल उठे हैं। बिलासपुर जिला में आशा वर्करों के माध्यम से इस नमक के सैंपल लिए गए, जिनकी नेशनल हैल्थ मिशन की टेस्टिंग किट से जांच की गई। बताया जाता है कि इस जांच में वहां के नमक में आयोडीन बहुत कम मात्रा में था। इस पर यह सवाल उठ गया कि क्या खाद्य आपूर्ति महकमा राज्य के लोगों को कम आयोडीन वाला नमक दे रहा है, जबकि शरीर में इस नमक के माध्यम से आयोडीन की खासी जरूरत रहती है, जिसके दावे सरकार भी करती आई है।

ऐसे में इस नमक को लेकर पचड़ा पड़ गया है। मगर हैरानी की बात यह है कि जब इसी नमक के सैंपल लेकर खाद्य आपूर्ति विभाग के निदेशालय स्थित लैब में जांच की गई, तो न केवल इसमें प्रचुर मात्रा में आयोडीन मिला, बल्कि इसकी मात्रा काफी ज्यादा रही। ऐेसे में बात यह उठ रही है कि आखिर नेशनल हैल्थ मिशन की टेस्ट किट की रिपोर्ट सही है या फिर निदेशालय की लैब से आई रिपोर्ट। इसे लेकर अब दोनों विभाग भिड़ रहे हैं और दोनों के अपने-अपने दावे इस संबंध में सामने आ रहे हैं, इसलिए तीसरे विकल्प को लेकर भी विचार चल रहा है।

तीसरे विकल्प के रूप में किसी अन्य लैब से इसकी टेस्टिंग करवाई जा सकती है, मगर फिलहाल तो यह ढूंढ रहे हैं कि आखिर ऐसा है, तो है कैसे। इसमें लोगों की सेहत को लेकर भी बड़ी बात है, क्योंकि हर जगह एनएचएम की टेस्टिंग किट से सैंपल नहीं लिए जाते हैं। यह केवल बिलासपुर जिला में एक विशेष अभियान के रूप में ही हो सका है। बात वही है कि क्या एनएचएम की टेस्टिंग किट फर्जी है या फिर खाद्य निदेशालय की लैब में ही खोट है। नेशनल हैल्थ मिशन ने आशा वर्करों को यह टास्क दिया था, जिन्हें सॉल्ट टेस्टिंग किट प्रदान की गई थी। कोरोना काल में इस तरह की जांच पड़ताल करवाई जा रही है, क्योंकि लोगों के शरीर को ज्यादा इम्युनिटी की जरूरत है। बिना आयोडीन वाला नमक लोगों की सेहत के लिए घातक है।

बताया जाता है कि टेस्टिंग किट में जो जांच हुई है, उसके मुताबिक बिलासपुर पहुंचे नमक में आयोडीन की मात्रा 15 पीपीएम यानी पार्ट्स पर मिलियन से कम थी, जबकि निदेशालय में हुई जांच में नमक में आयोडीन की मात्रा 20 से 28 पीपीएम मिली है। अब असमंजस यह है कि आखिर किसकी रिपोर्ट को सही माना जाए। इसे लेकर जरूर लोगों में भी आशंका रहेगी और तीसरे विकल्प के बाद जो रिपोर्ट आएगी, शायद उस पर विश्वास करना पड़े। फिलहाल तो मौजूदा दोनों रिपोर्टों पर विश्वास नहीं किया जा सकता है।


Keep watching our YouTube Channel ‘Divya Himachal TV’. Also,  Download our Android App