पंचायत चुनाव में इस बार नया रोस्टर
इस बार रोटेशन नहीं करेगी सरकार, शून्य से शुरू होगा काम
विशेष संवाददाता—शिमला
पंचायत चुनाव लड़ने के लिए रोटेशन आधार पर इंतजार कर रहे लोगों को इस बार बड़ा झटका लगने जा रहा है। सूत्रों के अनुसार इस बार सरकार रोटेशन नहीं करेगी, बल्कि रोस्टर को ही नए सिरे से लागू किया जाएगा। ऐसा इससे पूर्व वर्ष 2010 के चुनाव में हुआ था, लेकिन 2015 के चुनाव में रोटेशन के आधार पर लोग चुनाव मैदान में उतरे थे। इस बार भी पंचायत चुनाव लड़ने के इच्छुक लोग यही समझ रहे हैं कि रोटेशन में उनका नंबर आ जाएगा और वह चुनाव के लिए इलिजिबल हो जाएंगे, परंतु ऐसा नहीं है। सरकार ने पूरा मन बना लिया है कि रोस्टर को शून्य से लागू किया जाएगा और नए सिरे से यहां पर चुनाव की प्रक्रिया होगी। बता दें कि पंचायतों में 50 फीसदी आरक्षण महिलाओं के लिए तय किया गया है, जो लागू रहेगा।
इसके अनुसार महिलाओं को चुनाव में सीटें मिलेंगी, लेकिन जो पंचायत पहले एससी या एसटी के लिए आरक्षित थीं, वे इस बार नहीं रहेंगी। यहां पर नए सिरे से फार्मूला लगाया जाएगा। पंचायती राज में जो फार्मूला लगाया जाता है, वह जनसंख्या, प्रतिशतता व डिसेंडिंग आर्डर के आधार पर होता है और उसे नए सिरे से इस बार के चुनाव में इस्तेमाल किया जाएगा। एससी व एसटी की जनसंख्या को भी इस बार देखा जाएगा कि उसमें कितनी बढ़ोतरी हुई है या वहां पर जनरल की आबादी बढ़ी है। इस फार्मूले पर काम शुरू कर दिया गया है। सूत्रों के अनुसार पंचायती राज विभाग को इस संबंध में सरकार की ओर से निर्देश जारी किए जा चुके हैं। पिछली बार धूमल सरकार में भी इसमें बदलाव किया गया था, जिस पर कई विवाद भी उठे और तब कई लोग चुनाव लड़ने से बाहर हो गए थे।
सात दिन बाद जारी होगी अधिसूचना
नई 230 पंचायतों के प्रस्ताव आपत्तियों के लिए लगाए गए हैं और सात दिन के बाद इनकी अधिसूचना जारी होगी। इसके साथ ही यहां पर पंचायती राज चुनाव की प्रक्रिया को भी आगे बढ़ा दिया जाएगा।
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