पार्शियल नी रिप्लेसमेंट में हिमाचल का पहला अस्पताल बना फोर्टिस

By: Aug 7th, 2020 12:20 am

अब तक किए जा चुके हैं 500 से ज्यादा सफल नी ज्वांइट रिप्लेस, हिमाचल में इस तकनीक का सिर्फ कांगड़ा में हो रहा इस्तेमाल

कांगड़ा – पार्शियल नी रिप्लेसमेंट करने में फोर्टिस अस्पताल कांगड़ा ने नया आयाम स्थापित किया है। दिल्ली सहित अन्य राज्यों में इस्तेमाल की जानी वाली इस तकनीक से अब तक 500 से ज्यादा सफल नी ज्वांइट रिप्लेसमेंट की जा चुकी है। फोर्टिस अस्पताल कांगड़ा हिमाचल का पहला ऐसा अस्पताल है जहां इस तकनीक को अपनाया जा रहा है। फोर्टिस अस्पताल कांगड़ा के ऐड्मिनिस्ट्रेशन प्रमुख विजय कुमार ने बताया कि यहां मशहूर ज्वाइंट रिप्लेसमेंट स्पेशलिस्ट डा. प्रियव्रत कैली अपनी सेवाएं दे रहे हैं।

वह दिल्ली के बाद केवल फोर्टिस कांगड़ा में ही इस तकनीक के जरिए मरीजों का उपचार कर रहे हैं। ज्वांइट रिप्लेसमेंट में इनका 25 सालों का लंबा अनुभव है। विजय ने बताया कि पार्शियल नी रिप्लेसमेंट एक नई तकनीक है। इसमें मरीज का पूरा घुटना नहीं बदला जाता है, बल्कि जिस जगह तकलीफ  है, बस उतना हिस्सा बदल कर सही किया जाता है। इस सर्जरी की खात बात यह है कि ऑपेरशन के अगले ही दिन मरीज चलने फिरने लगता है व तीसरे दिन उसे अस्पताल से छुट्टी दी जाती है। यह तकनीक दर्द रहित है व इसमें मरीज को खून चढ़ाने की भी अवश्यकता नहीं होती है। हर सोमवार को फोर्टिस अस्पताल कांगड़ा में डा. प्रियव्रत कैली की ओपीडी होती है और शनिवार-रविवार को नी ज्वांइट रिप्लेसमेंट की सर्जरी की जाती हैं।

घुटनों की समस्याओं से छुटकारा पाने के लिए पार्शियल नी रिप्लेसमेंट सबसे प्रभावी और स्थायी इलाज माना जाता है। घुटनों में दर्द, कड़ापन और मूवमेंट प्रभावित होने के कारण जीवन की गुणवत्ता भी प्रभावित होती है, जिसे ठीक करने के लिए डॉक्टर पार्शियल नी रिप्लेसमेंट की सलाह देते हैं। डा. प्रियव्रत कैली अब तक दस हजार से अधिक सफल नी रिप्लेसमेंट कर चुके है। वह पार्शियल नी रिप्लेसमेंट के ट्रेनर भी हैं व कई देशों में जाकर वहां के चिकित्सा संस्थानों में ट्रेनिंग दे चुके हैं। डा. प्रियव्रत ने जर्मनी और आस्ट्रेलिया में इसे लेकर स्टडी की है। वह सर गंगा राम अस्पताल दिल्ली में भी 22 सालों तक अपनी सेवाएं दे चुके हैं।


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