पर्यटकों को आवेदन के 24 घंटे बाद बार्डर पर ऑटोमैटिक एंट्री

By: राज्य ब्यूरो प्रमुख — शिमला Aug 26th, 2020 12:30 am

कुछ उपायुक्तों की मनमानी पर चाबुक चलाने के लिए हिमाचल सरकार ने प्रदेश में प्रवेश के लिए जारी की नई गाइडलाइन्स

राज्य ब्यूरो प्रमुख — शिमला

हिमाचल आने वाले पर्यटकों को आवेदन के 24 घंटे बाद ऑटोमैटिक बार्डर पर एंट्री की अनुमति मिल जाएगी। कुछ उपायुक्तों की हेकड़ी पर चाबुक चलाने के लिए सरकार ने यह फैसला लिया है। इन नए निर्देशों में दो टूक कहा गया है कि पर्यटकों की एंट्री के लिए उपायुक्तों को 24 घंटे के भीतर फैसला लेना होगा। बिना किसी ठोस कारण के पंजीकरण आवेदन को स्वीकृत न करने वाले उपायुक्त की यह शक्ति समाप्त मानी जाएगी। इसके तहत ठीक 24 घंटे के बाद राज्य सरकार का ई-कोविड सॉफ्टवेयर पर्यटकों को एंट्री की परमिशन जारी कर देगा।

 इसके लिए पर्यटन विभाग ने नई गाइडलाइन्स के तहत एसओपी जारी कर दी है। बताते चलें कि सोमवार को आयोजित प्रदेश मंत्रिमंडल की बैठक में पर्यटकों की एंट्री को आसान बनाया गया है। इसके तहत निर्णय लिया गया है कि अब हिमाचल में टू नाइट्स की बुकिंग लेकर आने वाले पर्यटकों के लिए बार्डर खोल दिया जाएगा। इसके लिए सबसे सरल एंटीबॉडी रैपिड टेस्ट सहित तीन अलग-अलग टेस्ट को मान्य किया गया है। इसके अलावा 10 साल से कम उम्र के पर्यटकों को कोविड टेस्ट की छूट दी गई है। कोविड टेस्ट की समयावधि अब 72 घंटे की बजाए 96 घंटे पहले होने की छूट दी गई है।

 पर्यटकों की दी गई इस सबसे बड़ी राहत के बावजूद यह मसला खड़ा हो रहा था कि प्रदेश में अब भी इक्का-दुक्का जिलों के डीसी बार्डर एंट्री को लेकर हेकड़ी दिखा रहे हैं। हालांकि अधिकतर जिलों में व्यवस्था सुचारू रूप से चल रही थी। बावजूद इसके प्रदेश के एक प्रमुख जिला में प्रशासन की धौंस से आम लोग और पर्यटक बुरी तरह त्रस्त थे। इसी कारण प्रदेश सरकार ने पर्यटकों की एंट्री के लिए बार्डर एंट्री का प्लान बदला है।

जल्द आम लोगों के लिए भी राहत

पर्यटकों के लिए दी गई व्यवस्था को सभी के लिए शुरू करने पर सरकार विचार कर रही है। अधिकारिक सूत्रों का मानना है कि आने वाले दिनों में आम लोगों के लिए भी यही सिस्टम लागू होगा। यानि किसी आम व्यक्ति के आवेदन को बिना ठोस कारण के खारिज करने के बावजूद 24 घंटे बाद इसे अप्रूव माना जाएगा।

पहली से मिल सकती है खुली छूट

राज्य सरकार पहली सितंबर से बार्डर एंट्री के लिए छूट दे सकती है। साधारण पंजीकरण प्रक्रिया को इसके लिए आधार बनाया जा सकता है। इसके तहत जिला प्रशासन की अप्रूवल की शक्तियां छिन सकती है। हालांकि इसके लिए सरकार प्रदेश में संक्रमण की स्थिति की समीक्षा कर रही है।

डीसी को फटकार के साथ सुधार के निर्देश

रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया में एक जिला के डीसी की हेकड़ी पर कैबिनेट तप गई। एक वरिष्ठ मंत्री ने मुद्दा उठाया कि रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया में एक डीसी महोदय अपनी शक्तियों का दुरुपयोग कर रहे हैं। इससे आम जनता बुरी तरह त्रस्त है। मंत्री ने यहां तक कह दिया कि डीसी की तानाशाही से पार्टी और सरकार की छवि को तगड़ा नुकसान हो रहा है। बाद में संबंधित डीसी को इस बारे अवगत करवाकर फटकार के साथ सुधार के निर्देश दिए गए हैं।


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