पावंटा में हिमाचल निर्माता को अनूठा नमन

By: Aug 6th, 2020 12:20 am

पांवटा साहिब-हिमाचल निर्माता व प्रदेश के पहले मुख्यमंत्री डा. यशवंत सिंह परमार की 114वीं जयंती के अवसर पर विद्या-कला एवं सांस्कृतिक संस्था पांवटा साहिब ने एक ऑनलाइन काव्य गोष्ठी का आयोजन किया। इस अवसर पर अंतरराष्ट्रीय कवियों ने कविता पाठ कर महान स्वतंत्रता सैनानी, यशस्वी राजनेता और कुशल समाज शास्त्री डा. परमार की जयंती को यादगार बनाया। काव्य गोष्ठी का प्रारंभ विद्या संस्था के अध्यक्ष राजेंद्र प्रसाद तिवारी के संबोधन के साथ शुरू हुआ। इस विशेष अवसर पर उन्होंने सभी वरिष्ठ एवं युवा रचनाकारों का स्वागत किया और महान आत्मा डा. परमार के व्यक्तित्व से जुड़े कुछ संस्मरणों को सभी से साझा किया। इस अंतरराष्ट्रीय ऑनलाइन काव्य गोष्ठी में दुबई से प्रसिद्ध गीतकार जोगी राज सिकंदर ने अपनी सुरीली आवाज में एक गजल पेश कर सबका दिल लूट लिया। बंद मुट्ठी का व्याकरण कविता पुस्तक की कवयित्री डा. प्रियंका भारद्वाज ने गांव और जमीन से जुड़ी कविताओं के द्वारा पाठकों की चेतना को उद्वेलित किया। दिल्ली से जुड़े प्रसिद्ध अभिनेता विजयंत कोहली ने सरल साफगोई भाषा में कविता पढ़ी। मुंबई से डा. जितेंद्र पांडेय, भारती श्रीवास्तव की सामयिक रचनाओं को भी पाठकों ने खूब सराहा।  संस्था से जुड़ी वरिष्ठ कवयित्री सावित्री तिवारी आजमी ने अपनी कविता के माध्यम से डा. परमार के जीवन संघर्ष को स्पर्श किया।

परमार की जयंती को समर्पित इस विशेष कार्यक्रम में दरभंगा बिहार से बाढ़ की भयंकर परिस्थिति के चलते भी कवयित्री प्रतिभा स्मृति और कवि गोपाल साहु ने कविता पढ़ी। आजमगढ़ के युवा रचनाकार प्रशांत मिश्रा ने सस्वर कुछ समसामयिक मुक्त पढ़कर सबको मोहित किया। हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय के हिंदी विभाग के सहायक प्रोफेसर डा. नरेश तोमर ने संसद और घर कविता के माध्यम से खूब तालियां बटोरी। इस विशेष अवसर पर भारतीय पुलिस सेवा में अपनी सेवाएं दे चुके पूर्व पुलिस महानिरीक्षक  रामाश्रय तिवारी ने भी डा. परमार के संस्मरण को सभी पाठकों से साझा कर उन्हें याद किया।  इस मौके पर दीपेंद्र ठाकुर, अशोक ठाकुर, प्रो. सुरेश जोशी, सुरेंद्र व सुमन बिश्नाई भी कार्यक्रम में मौजूद रहे। इस कार्यक्रम में मुंबई से फिल्म निर्माता विवेक तिवारी भी जुड़े रहे जिनके तकनीकी सहयोग एवं परामर्श से यह कार्यक्रम देश और दुनिया का हिस्सा बना। परमार जयंती पर विद्या के संस्थापक राजेंद्र रमौल, अध्यक्ष राजेंद्र प्रसाद तिवारी, दीपेंद्र ठाकुर, अशोक ठाकुर, प्रो. सुरेश जोशी व वरिष्ठ कवयित्री आजमी तिवारी, डा. जयचंद शर्मा, डा. एनआर गोपाल, डा. नरेश, डा. प्रियंका भारद्वाज, डा. पान सिंह, पंकज भटनागर, श्रीकांत अकेला, विवेक तिवारी ने सरकार से मांग की है कि डा. वाईएस परमार का एक भव्य स्मारक और उनके भड़योग निवास को राष्ट्रीय धरोहर घोषित किया जाए।


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