राजेंद्र राणा बोले, भाजपा राज में पड़ी फर्जी डिग्रियों की नींव

हमीरपुर-प्राइवेट तौर पर चली मानव भारती यूनिवर्सिटी में करीब दो हजार करोड़ का सीधा घोटाला होने का आरोप है। इस घोटाले को कैसे अंजाम दिया गया, कौन-कौन लोग इसके जिम्मेदार रहे और अब जांच के नाम पर चले खेल में कौन किसको बचाने का प्रयास कर रहा है। करोड़ों के इस खेल में अब किस-किस ने जांच के नाम पर लाखों के बारे न्यारे किए हैं। इसका खुलासा क्रम बाइज करने का प्रयास रहेगा। यह बात राज्य कांग्रेस उपाध्यक्ष एवं विधायक राजेंद्र राणा ने यहां जारी प्रेस बयान में कही। श्री राणा ने कहा कि 1989 में दसवीं पढ़ा, एक युवक कैसे पीएचडी की फर्जी उपाधि से डाक्टर आरके राणा हुआ। इसका भी जिक्र आगामी कडि़यों में होगा। देश, प्रदेश और विदेश में किस तरह 25 हजार से ज्यादा फर्जी डिग्रियों को बेचने का बेखौफ भ्रष्टाचार इस शिक्षा माफिया ने किया।

 कैसे लाखों युवक इन फर्जी डिग्रियों को लेकर तबाह हुए। यह सब सवाल क्रम वाइज जन अदालत में रखे जाएंगे। हालांकि अब यह शिक्षा माफिया का सरगना अपनी टीम के साथ सलाखों के पीछे है, लेकिन सवाल यह है कि सरकार इस मामले की जांच की मांग सीबीआई से करवाने से क्यों डर रही है। इस मामले में सीबीआई जांच होती है तो कई बड़े चेहरे बेनकाब होंगे।