शिमला में गरजी एसएफआई

छह-सात अगस्त को होने वाली प्रतियोगी परीक्षाएं रद्द करने को लेकर धरना, सौंपा मांगपत्र

शिमला –हिमाचल प्रदेश एसएफआई राज्य कमेटी द्वारा प्रतियोगी परीक्षाओं को स्थगित कराने के लिए शिमला में हिमाचल प्रदेश लोक सेवा आयोग के कार्यालय के बाहर फिर से धरना प्रदर्शन किया गया व उसके बाद आयोग के सचिव को मांगपत्र सौंपा गया। एसएफआई राज्य कमेटी ने कहा कि केंद्रीय गृह मंत्रालय द्वारा अनलॉक 3 को लेकर जारी की गई अधिसूचना में साफ तौर पर कहा गया है कि 31 अगस्त 2020 तक देश भर में सभी शिक्षण संस्थान बंद रहेंगे तथा किसी भी तरह की पब्लिक गेदरिंग को अनुमति नहीं दी जाएगी। यदि कोई भी विभाग ऐसी गतिविधि आयोजित करता है, तो उसे भारतीय आपदा प्रबंधन  कानून 2005 की धारा 51 से लेकर 60 तक कानूनी कार्रवाई का प्रावधान किया गया है। इसके साथ ही भारतीय दंड संहिता की धारा 188 के तहत उस पर कार्रवाई की जा सकती है। लेकिन हिमाचल प्रदेश लोक सेवा आयोग केंद्रीय गृह मंत्रालय  के आदेशों का उल्लंघन कर इन परीक्षाओं का आयोजन करवा रहा है जिसे शीघ्र प्रभाव से स्थगित किया जाना चाहिए। इस दौरान एसएफआई ने कहा कि आज एक और तो इस महामारी के कारण छात्र पहले ही मानसिक रूप से पीडि़त हैं, इन प्रतियोगी परीक्षाओं को लेकर चल रही असमंजस ने छात्रों की चिंता और बढ़ा दी है।  एसएफआई ने कहा कि इन क्षेत्रों में आवाजाही भी पूर्ण रूप से बाधित है, तो ऐसे में छात्रो का परीक्षा केंद्र तक पहुंचना खतरे से खाली नहीं होगा। दूसरी ओर आयोग के कोरोना संक्रमितों और क्वारंटीन छात्रों को भी परीक्षाओं में बैठने की अनुमति देने के फैसले ने छात्रों के बीच व्यापक असुरक्षा का वातावरण पैदा कर दिया है। इसीलिए एसएफआई राज्य कमेटी ने मांग कि है कि हिमाचल प्रदेश लोक सेवा आयोग द्वारा आयोजित होने वाली सभी परीक्षाओ को शीघ्र स्थगित किया जाए। ताकि इस महामारी के प्रवाह को रोका जा सके।

मांग पूरी न होने पर खटखटाएंगे कोर्ट का दरवाजा

एसएफआई ने कहा कि अगर सरकार व आयोग 6 और 7 अगस्त को होने वाली प्रतियोगी परीक्षाओं को समय रहते स्थगित नहीं करता है, तो आने वाले समय मे इन परीक्षाओं की वजह से यदि कोई छात्र संक्रमित होता है, तो उसकी जिम्मेवारी प्रदेश सरकार व लोक सेवा आयोग की होगी। लोक सेवा आयोग के इस फैसले के खिलाफ एसएफआई कानूनी लड़ाई को भी जारी रखेगी, जिसके लिए प्रदेश उच्च न्यायालय में जनहित याचिका शीघ्र दायर की जाएगी।