श्रीबृजराज स्वामी मंदिर

By: Aug 8th, 2020 12:18 am

देवभूमि हिमाचल जहां एक तरफ प्राकृतिक सौंदर्य को समेटे हुए है, वहीं प्रदेश की लहलहाती नैसर्गिक छटा से देश-विदेश के पर्यटक बरबस देवभूमि की ओर आकर्षित हो जाते हैं। इतना ही नहीं हिमाचल के प्रत्येक जिले में कुछ ऐसे धार्मिक स्थल तथा आकर्षक मंदिर हैं, जो देश-विदेश से आने वाले श्रद्धालुओं के लिए आस्था का केंद्र बने हुए हैं। यही कारण है हिमाचल को देवभूमि के नाम से जाना जाता है।

मंदिरों की इसी श्रृंखला में नूरपुर के ऐतिहासिक  एवं प्राचीन किले में स्थित भगवान श्रीबृजराज स्वामी का मंदिर भी सुप्रसिद्ध है। बृजराज मंदिर का इतिहास 16वीं शताब्दी से जुड़ा माना जाता है।  कथन है कि रजवाड़ाशाही के दौरान यह ऐतिहासिक मंदिर दरबार-ए-खास हुआ करता था। 1619 से 1623 के दौरान नूरपुर के तात्कालीन राजा जगत सिंह अपने राज पुरोहित के साथ चितौड़गढ़ के राजा के निमंत्रण पर वहां गए। चितौड़गढ़ के राजा ने जगत सिंह व उसके पुरोहित को जिस कक्ष में में ठहराया था, उसके साथ ही एक मंदिर था। जब मध्यरात्रि का समय हुआ, तो उस मंदिर के प्रांगण में राजा जगत सिंह को घुंघरुओं के बजने व संगीत की धुन सुनाई दी। धुन को सुनकर राजा ने जैसे ही मंदिर में झांक कर देखा, तो एक औरत भगवान श्रीकृष्ण की मूर्ति के सामने भजन गाते हुए नाच रही थी। राजा ने तुरंत इसकी सूचना अपने राज पुरोहित को दी। जिस पर राज पुरोहित ने राजा जगत सिंह को सुझाव दिया कि वह चितौड़गढ़ के राजा से उक्त मूर्तियां उपहार स्वरूप मांग लें।

राजा जगत सिंह ने वैसा ही किया तथा चितौड़गढ़ के राजा ने दोनों मूर्तियां राजा जगत सिंह को उपहार स्वरूप खुशी-खुशी दे दीं। इसी के साथ एक मौलश्री का पेड़ भी उपहार में दिया। राजा जगत सिंह ने वापस अपने राज दरबार में पहुंचकर इन मूर्तियों को दरबार-ए-खास में स्थापित किया।

श्री कृष्ण की मूर्ति राजस्थानी शैली की काले संगमरमर से बनी हुई है व अष्टधातु से बनी मीराबाई की मूर्ति आज भी नूरपुर के किले में विराजमान है। वहीं मौलश्री का विशाल वृक्ष भी कृष्ण तथा मीरां की प्रतिमाओं के अनोखे संगम के समक्ष लहलहाता नजर आता है। स्वामी बृजराज मंदिर नूरपुर विश्व का एकमात्र ऐसा मंदिर है, जिसमें भगवान श्रीकृष्ण के साथ राधा नहीं, बल्कि मीराबाई की मूर्ति विराजमान है।

आश्चर्यचकित पहलू यह भी है कि कई दशकों से बृजराज स्वामी मंदिर में भव्य तथा आकर्षक प्रतिमाएं वर्तमान में भी वैसी की वैसी हैं, मानो आज ही इन्हें शोभायमान किया गया हो। इस मंदिर में सालभर हिमाचल के अलावा बाहरी राज्यों से श्रद्धालुओं का आना-जाना लगा रहता है। स्वामी बृजराज मंदिर प्रदेशवासियों सहित क्षेत्रवासियों व बाहरी राज्यों से आने वाले श्रद्धालुओं की आस्था व श्रद्धा का प्रतीक है।  लोग मंदिर में दूरदराज से आशीर्वाद लेने आते हैं। इस मंदिर में जन्माष्टमी धूमधाम के साथ मनाई जाती है।


Keep watching our YouTube Channel ‘Divya Himachal TV’. Also,  Download our Android App