एसएमसी शिक्षकों की नियुक्तियां रद्द, हाई कोर्ट ने 6 माह में नई भर्ती के दिए आदेश

By: विधि संवाददाता, शिमला Aug 14th, 2020 8:33 pm

विधि संवाददाता, शिमला

हाईकोर्ट ने एसएमसी शिक्षकों की भर्ती के खिलाफ दायर याचिका को स्वीकार करते हुऐ एसएमसी अध्यापकों की नियुक्तियों को रद्द कर दिया है। न्यायाधीश सुरेश्वर ठाकुर व न्यायाधीश चन्दर भुसन बारोवालिया की खंडपीठ ने शुक्त्रवार को इस मामले पर फैसला सुनाया। मामले के अनुसार प्रार्थी कुलदीप कुमार व अन्यों ने सरकार द्वारा स्टॉप गैप अरेंजमेंट के नाम पर एसएमसी भर्तियां को हाई कोर्ट में यह कहते हुए चुनौती दी थी कि एसएमसी शिक्षकों की नियुक्ति गैरकानूनी हैं और यह सुप्रीम कोर्ट के आदेशों की सरासर अवहेलना है।

प्रार्थियों की यह भी दलील थी कि  एस एम सी शिक्षकों की भर्तियां भर्ती एवं पदोन्नति नियमों के विपरीत है । इससे सभी को समान अवसर जैसे मौलिक अधिकार का उल्लंघन हो रहा है। दूसरी तरफ एसएमसी अध्यापको कहना था कि वे वर्ष 2012 से हिमाचल के अति  दुर्गम क्षेत्रों में बिना किसी रूकावट के अपनी सेवाएं दे रहे हैं और उनका चयन प्रदेश सरकार द्वारा नियमों के तहत किया गया है। कोर्ट ने राज्य सरकार को आदेश दिये हैं कि वह 6 महीनों के भीतर नियमों के तहत अध्यापकों की नियुक्तिया करे।

पीटीए पर सरकार से जवाब तलब

प्रदेश हाईकोर्ट ने पीटीए शिक्षकों को नियमित करने संबंधित राज्य सरकार के फैसले को चुनौती देने वाली याचिका पर राज्य सरकार से जबाब तलब किया है। सर्वोच्च न्यायालय के फैसले के पश्चात प्रदेश मंत्रिमंडल ने बीते दिनों पीटीए शिक्षकों को नियमित करने को मंजूरी दी थी। मुख्य न्यायाधीश लिंगप्पा नारायण स्वामी व न्यायाधीश अनूप चिटकारा की खंडपीठ ने मामले पर सुनवाई करते हुए कहा कि पीटीए अध्यापकों का नियमितीकरण अदालत के अंतिम निर्णय पर निर्भर करेगा।

  याचिका में दलील दी गई है कि  राज्य सरकार ने पीटीए अध्यापकों को नियमित करने का  जो फैसला लिया है वह सरासर गलत है। याचिकाकर्ता के अनुसार सर्वोच्च न्यायालय के फैसले में पीटीए अध्यापकों को नियमित करने के बारे में कोई जि़क्त्र नहीं है। पीटीए अध्यापकों को नियमित करना भर्ती व पदोन्नति नियमों का सरासर उल्लंघन है। मामले में पीटीए शिक्षक संघ और कुछ पीटीए शिक्षकों को भी प्रतिवादी बनाया गया है।


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