तीन नए नगर निगम बनाने के रास्ते में कई अड़चनें

By: Aug 13th, 2020 12:30 am

जनसंख्या पूरी करने के साथ लोगों की राय लेना जरूरी

विशेष संवाददाता—शिमला

प्रदेश सरकार ने यहां तीन नए नगर निगम बनाए जाने को लेकर शुरूआत, तो कर दी है, लेकिन इसमें कई तरह के रोड़े हैं। ऐसे कई मामले हैं, जिनसे निपटने के बाद ही अधिसूचना हो सकती है। ऐसे में सिर पर खड़े पंचायती राज चुनावों को कहीं आगे टालना न पड़ जाए, इसका भी संकट खड़ा है। बेशक नगर निगम के गठन में आड़े आ रही जनसंख्या की शर्त को सरकार अध्यादेश के माध्यम से कम कर सकती है, बावजूद इसके नगर निगमों में शामिल किए जाने वाली पंचायतों के लोगों से आपत्तियां व सुझाव सरकार को मांगने जरूरी होंगे, जिसमें समय लगेगा। क्योंकि इसमें आपत्तियां ज्यादा होंगी। वैसे भी आम जनता नगर निगम में जाकर टैक्स के झमेले में नहीं पड़ना चाहती और पंचायतों में काफी राहत रहती है। ऐसे में जनता की राय के खिलाफ सरकार फैसला लेगी, तो उसे भारी भी पड़ सकता है। जनवरी, 2021 में होने वाले चुनाव से पहले सरकार के लिए सोलन नगर निगम का गठन करना आसान होगा।

नगर निगम बनाने की घोषणा के बाद सरकार सोलन नगर परिषद के चुनाव छह माह के लिए आगे टाल सकती है। कमोवेश यही स्थिति मंडी व बद्दी-बरोटीवाला-नालागढ़ को नगर निगम बनाने के मामले में भी होगी। प्रदेश में नगर निगम के गठन के लिए 50 हजार की आबादी की शर्त है। सरकार ने हिमाचल प्रदेश नगर निगम कानून में यह प्रावधान रखा है। मंत्रिमंडल की बैठक में लिए गए फैसले के मुताबिक सरकार सोलन, मंडी व बद्दी-बरोटावीला व नालागढ़ को नगर निगम बनाने की मंशा रखती है। सोलन के निवासी सालों से नगर परिषद को नगर निगम का दर्जा देने की मांग कर रहे हैं। इस मुद्दे को सोलन के विधायक डा. धनीराम शांडिल विधानसभा में भी उठा चुके हैं।  बीबीएन को नगर निगम बनाने की मंशा है। साथ ही मंडी मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर का गृह जिला है, लिहाजा माना जा रहा है कि मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ही नहीं, भाजपा के नेता भी मंडी को नगर निगम बनाने के पक्ष में होंगे।

50 हजार की आबादी जरूरी

2011 की जनगणना के मुताबिक सोलन की आबादी 32956 थी, नगर निगम बनाने के लिए 50 हजार की आबादी चाहिए। सरकार इस मसले पर कानून में संशोधन कर सकती है, मगर यह कार्य भी दिसंबर से पहले पूरा करना होगा। अन्यथा सोलन को भी सरकार जनगणना कार्य पूरा होने से पहले नगर निगम नहीं बना सकती।

पहले पंचायतों का विलय होगा

बीबीएन को नगर निगम बनाने की स्थिति में एक दर्जन पंचायतों का इसमें विलय करना होगा। कमोवेश यही स्थिति मंडी के मामले में भी है। 2011 में मंडी की आबादी 26422 थी। जाहिर है कि नगर निगम बनाने के लिए इसमें द्रंग के साथ बल्ह विधानसभा क्षेत्रों की कुछ पंचायतों का विलय करना होगा।

झमेले में नहीं पड़ना चाहते लोग

नगर निगम बनाने के लिए पंचायतों के विलय से पहले सरकार को लोगों से आपत्तियां मांगनी होंगी। नगर निगम के दायरे में कड़े कानून होने की वजह से लोग इसमें शामिल होने के हक में नहीं रहते। लिहाजा बीबीएन व मंडी को नगर निगम बनाने में अधिक वक्त लग सकता है।


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