एनएचपीसी ने सैंज को दी पुलों और रास्तों की सौगात

15 पंचायतों के 25000 लोगों को मिल रहा है लाभ, बंजार-सैंज के प्रवेश स्थल पर किया स्वागत गेट का निर्माण

दिव्य हिमाचल ब्यूरो-कुल्लू-देश की जल विद्युत उत्पादन में अग्रणी कंपनी एनएचपीसी लिमिटेड ने कुल्लू जिला में विगत दो दशकों से अपने कुल 1320 मेगावाट की पार्बती-दो व पार्बती-तीन जल विद्युत परियोजनाओं के निर्माण से प्रत्यक्ष-अप्रत्यक्ष रूप से इस क्षेत्र के विकास में अपना अभूतपूर्व योगदान दिया है। जून 2014 में कमीशड 520 मेगावाट की पार्बती-तीन पावर स्टेशन द्वारा लगातार जल विद्युत का उत्पादन हो रहा है और 800 मेगावाट की पार्बती-तीन जल विद्युत परियोजना का निर्माण प्रगति पर है। इन दोनों ही परियोजनाओं के निर्माण के दौरान इनके विभिन्न अवयवों तक आने-जाने हेतु बहुत से पहुंंच मार्ग और पुलों का निर्माण किया गया।

 अगर बंजार-सैंज क्षेत्र की ही बात की जाए, तो इस क्षेत्र के प्रवेश स्थल पर ही एनएचपीसी द्वारा एक स्वागत गेट का निर्माण करवाया गया है। इस क्षेत्र में लारजी से सैंज-सियूंड तक के लगभग 12 किलोमीटर के रास्ते में कुल 3 पक्के पुलों लारजी पुल102 मीटर स्पैन, लागत 2.5 करोड़,  लारजी-बिहाली बाइपास पुल, 53 मीटर स्पैन,   लागत 1.5 करोड़ और सियूंड पुल  60 मीटर, स्पैन लागत 1.63 करोड़ का निर्माण एनएचपीसी द्वारा करवाया गया। इन पुलों के कारण मुख्य रूप से 15 पंचायतों के लगभग 25000 लोगों को प्रत्यक्ष रूप से लाभ मिल रहा है।

 वे गांव, पंचायत, क्षेत्र जहां से आने-जाने में स्थानीय जन को और विशेष तौर पर विधार्थियों, बुजुर्र्गों, गर्भवती महिलाओं मरीजों आदि को आकस्मिक आवश्यकता में अस्पताल ले जाने में बहुत ही मुश्किलों का सामना करना पड़ता था। निगम के वर्तमान अध्यक्ष व प्रबंध निदेशक एके सिंह जिन्होंने इस क्षेत्र में परियोजना प्रमुख के तौर पर लगभग पांच वर्ष 2012 से लेकर 2017 तक कार्य किया है।

इस क्षेत्र की हर पंचायत के स्थानीय जन से विशेष लगाव है। उनका हमेशा पार्बती-दो और पार्बती-तीन के माध्यम से इस क्षेत्र के विकास के लिए विशेष प्रयास रहा है। एनएचपीसी का प्रारंभ ही हिमाचल प्रदेश के चंबा जिला से वर्ष 1975 में मात्र 180 मेगावाट की बैरा-स्यूल परियोजना से हुआ और वर्तमान में हिमाचल में कुल 1771 मेगावाट बिजली के स्थापित क्षमता के 5 पावर स्टेशनों बैरा-स्यूल, चमेरा-एक, चमेरा-दो, चमेरा-तीन, पार्बती-तीन 800 मेगावाट की पार्बती-तीन निर्माणाधीन परियोजना और हाल ही में एनएचपीसी को हिमाचल सरकार द्वारा दी गई 449 मेगावाट की डुग्गर जल विद्युत परियोजना के साथ कुल 3020 मेगावाट जल-विद्युत क्षमता के साथ एनएचपीसी हिमाचल और राष्ट्र निर्माण में अपनी अहम भूमिका निभा रही है।