चार दिन में स्कूल पहुंचे 49 हजार 955 शिक्षक, 23 हजार 953 छात्रों ने भी भरी हाजिरी, जिला उपनिदेशक करेंगे निरीक्षण
23 हजार 953 छात्रों ने भी भरी हाजिरी, अब जिला उपनिदेशक करेंगे निरीक्षण
यह क्या, छह महीने बाद 50 प्रतिशत की शर्त के साथ स्कूल खुले, तो शिक्षक खुश नजर नहीं आए। हैरानी है कि 21 से 24 सितंबर तक स्कूलो में शिक्षक तो पहुंचे, लेकिन 50 प्रतिशत से भी कम। शिक्षा विभाग की ओर से यह रिपोर्ट जारी की गई है। रिपोर्ट के मुताबिक प्रदेश में चार दिन के अंदर 12 जिलों के स्कूलों में 49 हजार 955 शिक्षक और 23 हजार 953 छात्रों ने हाजिरी भरी। कुल मिलाकर 70 हजार से ज्यादा प्रदेश में हैं, उनमें से रोजाना 500 भी रोज नहीं आ रहे हैं। इसको लेकर अब शिक्षा विभाग सख्त हो गया है। विभाग ने आदेश जारी किए हैं कि अब स्कूलों में जिला उपनिदेशक निरीक्षण करें, वहीं निरीक्षण के बाद अगर स्कूलों में 50 प्रतिशत की शर्त के साथ शिक्षक व दूसरा स्टाफ नहीं आता है, तो उनको कारण बताओ नोटिस जारी करें।
दरअसल सरकार के आदेशों पर शिक्षा विभाग ने जिलो से यह रिपोर्ट मांगी थी। फिलहाल अगर बात करें तो मंडी जिला में सबसे ज्यादा 16 हजार 173 शिक्षकों ने चार दिन में हाजिरी लगाई है, 5124 सबसे ज्यादा छात्र स्कूल आए हैं। शिक्षा विभाग ने सख्त आदेश जारी करते हुए कहा है कि पहले से ही बहुत समय बर्बाद हो चुका है, ऐसे में शिक्षक स्कूल आने से इतना डर क्यों रहे हैं। विभाग ने साफ किया है कि अगर स्कूल खुलने के बाद जिलों से समय पर रिपोर्ट नहीं आती है, तो ऐसे में जिला उपनिदेशकों को कारण बताओ नोटिस भी जारी किए जा सकते है। फिलहाल शिक्षा विभाग ने निर्देश जारी कर जिलो आदेश दिए है कि हर पंद्रह दिन बाद निदेशालय में छात्र व शिक्षकों की हाजिरी को लेकर रिपोर्ट भेजी जाए।
कहां, कितने छात्र-शिक्षक आए
जिला छात्र शिक्षक
बिलासपुर 2208 2133
सिरमौर 1509 2109
सोलन 1290 2923
कांगड़ा 1193 2795
शिमला 566 4600
किन्नौर 473 500
ऊना 322 1103
चंबा 3478 2626
हमीरपुर 868 1252
कुल्लू 1921 2368
लाहुल 702 50-50
मंडी 5124 16173
छात्रों को इस तरह बुला स्कते हैं स्कूल
शिमला – शिक्षा विभाग ने स्कूलों को नौवीं से 12वीं तक के छात्रों की कक्षाएं लगाने को लेकर नए आदेश जारी किए हैं। उच्च शिक्षा निदेशक अमरजीत शर्मा ने कहा है कि अगर किसी स्कूल में 200 छात्रों को बैठाने की व्यवस्था है, तोे स्कूल प्रबंधन व शिक्षक 50-50 की संख्या में छात्रों को बुला सकते हैं। शिक्षा विभाग ने कहा है कि जिन स्कूलों में क्लासरूम बड़े-बड़े हैं, वहां पर सोशल डिस्टेंसिंग में छात्रों को बुलाया जा सकता है। बोर्ड की कक्षाएं अब स्कूल शुरू कर सकते हैं। शिक्षा विभगा की ओर से शिक्षकों को यह भी स्पष्ट रूप से कहा गया है कि अगर छात्र फोन कर स्कूल में आना चाहते हैं, तो उनको रोका नहीं जा सकता, बशर्ते उनके पास अभिभावकों का सहमति पत्र होना चाहिए।
विभाग के नए आदेशों में यह भी कहा गया है कि दसवीं, जमा एक व जमा दो के वे छात्र जो मैथेमेटिक्स, अंग्रेजी, फिजिक्स व इस तरह के टफ विषय पढ़ना चाहते है, तो उन्हें ग्रुप में बुला लिया जाए। इसके साथ ही स्कूलों को यह भी आदेश जारी किए गए है कि शक्षा विभाग की जारी की गई नई एसओपी के तहत छात्रों को ग्रुप में बैठाया जाए। गाइडलाइन में शिक्षा विभाग ने यह साफ किया है कि अब स्कूल आने के लिए छात्रों को अप्वाइंटमेंट लेना जरूरी है। सभी अभिभावकों को भी इस बारे में अवगत करवा दें कि बिना अप्वाइंटमेंट के किसी भी छात्र को स्कूल में आने की अनुमति न दी जाए।
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