APMC से बाहर उपज बेचने पर किसानों को लाभ, मन की बात में PM ने गिनाए फायदे

By: एजेंसियां — नई दिल्ली Sep 27th, 2020 1:50 pm

नई दिल्ली — पंजाब, हरियाणा तथा देश के अन्य हिस्सों में कृषि संबंधी विधेयकों के विरोध के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को कहा कि कृषि उपज विपणन समिति मंडी से बाहर अपनी फसल बेचने पर किसानों के लाभ हो रहा है और वे लाखों रुपए की आय अर्जित कर रहे हैं। श्री मोदी ने आकाशवाणी पर अपने मासिक रेडियो कार्यक्रम मन की बात में देशवासियों को संबोधित करते हुए कहा कि कोरोना के इस कठिन समय में देश के कृषि क्षेत्र ने फिर दमखम दिखाया है। देश का कृषि क्षेत्र, किसान, गांव, आत्मनिर्भर भारत का आधार है। ये मजबूत होंगे तो आत्मनिर्भर भारत की नींव मजबूत होगी। बीते कुछ समय में इन क्षेत्रों ने खुद को अनेक बंदिशों से आजाद किया है और अनेक मिथकों को तोडऩे का प्रयास किया है।

श्री मोदी ने हरियाणा में सोनीपत के किसान कंवर चौहान का उल्लेख किया और कहा कि उन्हें मंडी से बाहर अपने फल और सब्जियां बेचने में बहुत दिक्कत आती थी। अगर वह मंडी से बाहर, अपने फल और सब्जियां बेचते थे, तो, कई बार उनके फल, सब्जी और गाडिय़ां तक जब्त हो जाती थी, लेकिन 2014 में फल और सब्जियों को एपीएमसी कानून से बाहर कर दिया गया, इसका, उन्हें और आसपास के साथी किसानों को बहुत फायदा हुआ। चार साल पहले, उन्होंने, अपने गांव के साथी किसानों के साथ मिलकर एक किसान उत्पादक समूह की स्थापना की।

आज, गांव के किसान स्वीट कोर्न और बेबी कोर्न की खेती करते हैं। उनके उत्पाद, आज, दिल्ली की आजादपुर मंडी, बड़ी दुकानों तथा होटलों में सीधे जा रहे हैं। आज, गांव के किसान इनकी खेती से, अढ़ाई से तीन लाख प्रति एकड़ सालाना कमाई कर रहे हैं। इतना ही नहीं, इसी गांव के 60 से अधिक किसान नेट हाउस और पॉली हाउस बनाकर टमाटर, खीरा, शिमला मिर्च, इसकी, अलग-अलग किस्मों का उत्पादन करके, हर साल प्रति एकड़ 10 से 12 लाख रूपये तक की कमाई कर रहें हैं।

प्रधानमंत्री ने कहा कि इन किसानों के पास अपने फल-सब्जियों को, कहीं पर भी, किसी को भी, बेचने की ताकत है, और ये ताकत ही, उनकी, इस प्रगति का आधार है। अब यही ताकत, देश के दूसरे किसानों को भी मिली है। फल-सब्जियों के लिए ही नहीं, अपने खेत में, वो जो पैदा कर रहें हैं – धान, गेहूं, सरसों, गन्ना जो उगा रहे हैं, उसको अपनी इच्छा के अनुसार, जहां ज्यादा दाम मिले, वहीं पर, बेचने की, अब, उनको आज़ादी मिल गई है।

मोदी ने जेपी, नानाजी और विजय राजे सिंधिया को किया याद
नई दिल्ली — प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को ‘मन की बात’ में लोकनायक जयप्रकाश नारायण, भारत रत्न नानाजी देशमुख और भारतीय जनता पार्टी की सह संस्थापक रहीं विजय राजे सिंधिया को स्मरण किया। अपने मासिक रेडियो कार्यक्रम में श्री मोदी ने कहा कि 11 अक्टूबर का दिन हमारे लिए बहुत ही विशेष होता है। इस दिन हम भारत रत्न लोकनायक जयप्रकाश नारायण (जेपी) को उनकी जयंती पर स्मरण करते हैं। उन्होंने हमारे लोकतांत्रिक मूल्यों की रक्षा में अग्रणी भूमिका निभाई है। हम भारत रत्न नानाजी देशमुख को भी याद करते हैं जिनकी जयंती भी 11 अक्तूबर को ही है।

उन्होंने कहा कि नानाजी देशमुख श्री जयप्रकाश नारायण के बहुत निकट साथी थे। भ्रष्टाचार के खिलाफ़ लड़ाई के दौरान पटना में जब जेपी पर प्राणघातक हमला किया गया था तब नानाजी देशमुख ने वो वार अपने ऊपर ले लिया था। इस हमले में नानाजी को काफ़ी चोट आई थी, लेकिन वह जेपी का जीवन बचाने में कामयाब रहे थे।

प्रधानमंत्री ने कहा कि 12 अक्टूबर को राजमाता विजयाराजे सिंधिया की भी जयंती है जिन्होंने अपना पूरा जीवन लोगों की सेवा में समर्पित कर दिया। वह एक राज परिवार से थीं। उनके पास संपत्ति, शक्ति और दूसरे संसाधनों की कोई कमी नहीं थी। फिर भी उन्होंने अपना जीवन एक मां की तरह वात्सल्य भाव से जनसेवा के लिए खपा दिया।

श्री मोदी ने राजमाता सिंधिया से जुड़ी अपनी एक याद भी साझा की। उन्होंने बताया कि कन्याकुमारी से कश्मीर एकता यात्रा के दौरान दिसंबर-जनवरी की कड़ाके की ठंड के समय वह रात को करीब बारह-एक बजे मध्य प्रदेश के ग्वालियर के पास शिवपुरी पहुंचे। रात के करीब दो बजे जब वह नहा-धोकर सोने की तैयारी कर रहे थे तो किसी ने दरवाजा खटखटाया। दरवाजा खोला तो राजमाता साहब सामने खड़ी थीं। वह उनके लिए हल्दी वाला गर्म दूध लेकर आई थीं। अगले दिन पता चला कि उस यात्र से जुड़े जो 30-40 लोग थे उन सबके कमरे में जाकर के उन्होंने उस दिन रात के दो बजे सबको दूध पिलाया।

प्रधानमंत्री ने कहा कि मां का प्यार क्या होता है, वात्सल्य क्या होता है, उस घटना को मैं कभी नहीं भूल सकता हूँ। यह हमारा सौभाग्य है कि ऐसे महान विभूतियों ने हमारी धरती को अपने त्याग और तपस्या से सींचा है। आइये, हम सब उनके सपने को अपना संकल्प बनाएं।

अपने संबोधन के अंत में श्री मोदी ने एक बार फिर देशवासियों को कोविड-19 के प्रति सजग करते हुए याद दिलाया कि वे मास्क अवश्य रखें और मुँह तथा नाक ढंके बिना बाहर ना जाएं और दो गज की दूरी के नियम का पालन करें। उन्होंने कहा कि ये कुछ नियम इस महामारी के खिलाफ लड़ाई के हथियार हैं, हर नागरिक के जीवन को बचाने के मजबूत साधन हैं। उन्होंने फिर दुहराया कि जब तक दवाई नहीं, तब तक ढि़लाई नहीं।


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