अर्की में 880 करोड़ी सीमेंट प्लांट को ग्रामीणों की ‘नो’

By: दिव्य हिमाचल ब्यूरो-सोलन Sep 19th, 2020 6:10 am

देवरा पंचायत में एसीएल कंपनी के प्रस्तावित प्रोजेक्ट पर संकट के बादल

सोलन-सोलन जिला की अर्की तहसील की ‘देवरा’ ग्राम पंचायत में एशियन कंकरीट एंड सीमेंट (एसीएल) लिमिटेड द्वारा स्थापित किए जाने वाले 880 करोड़ के प्रस्तावित सीमेंट प्लांट पर क्षेत्रवासियों ने परोक्ष रूप से फिलहाल इनकार कर दिया है। शुक्रवार को भू-मालिकों की एसडीएम अर्की से हुई बैठक में अधिकांश लोग नहीं पहुंचे तथा बैठक बेनतीजा ही संपन्न हो गई। लोगों को इस सीमेंट कंपनी से मिलने वाले लाभ व भूमि के दामों का निर्धारण करने हेतु एसडीएम अर्की की अध्यक्षता में शुक्रवार को त्रिपक्षीय बैठक आहूत की गई थी।

बैठक में अर्की प्रशासन के अतिरिक्त एसीएल कंपनी का प्रबंधक वर्ग व क्षेत्रवासियों द्वारा गठित 14 सदस्यीय संघर्ष समिति के सदस्यों को भी बुलाया गया था। गौर हो कि एसीएल कंपनी द्वारा अर्की के ‘देवरा’ में एक सीमेंट प्लांट को स्थापित करने की योजना है। इसकी अनुमानित लगात 880 करोड़ रुपए बताई जा रही है। प्रस्तावित सीमेंट प्लांट के लिए 102 हेक्टेयर के करीब सरकारी व निजी भूमि को अधिगृहित किया जाना है। इसमें 40 हेक्टेयर करीब 500 बीघा भूमि निजी क्षेत्र की है। यदि यह सीमेंट प्लांट लगता है तो कुल 52 परिवारों को विस्थापित होने का दंश झेलना पड़ेगा तथा उन्हें समीप के ही कुनिहार व अर्की क्षेत्र में भूमि खरीदनी पड़ेगी।

सीमेंट प्लांट का विरोध करने के लिए अब संघर्ष समिति के साथ-साथ क्षेत्र का बेरोजगार संघ व पेंशनर संघ भी आगामी रणनीति बनाने में जुट गया है। शुक्रवार को उपमंडलाधिकारी अर्की ने सार्थक प्रयास करने के लिए एक त्रिपक्षीय बैठक का आयोजन किया था परंतु इसके सकारात्मक परिणाम नहीं निकले। उपमंडलाधिकारी विकास शुक्ला ने कहा कि प्रस्तावित भू-विस्थापितों के पुर्नर्वास, भूमि के दाम व अन्य कई पहलुओं के दृष्टिगत यह बैठक रखी गई थी, परंतु संघर्ष समिति के सदस्यों की कम उपस्थिति के कारण कोई हल नहीं निकला।

बेघर होने का लोगों को सताने लगा डर

सीमेंट प्लांट से बेघर होने वाले लोगों को यह डर सता रहा है कि यदि वह यहां से विस्थापित होकर अर्की, कुनिहार, सोलन में बसना चाहेंगे तो वहां पर भूमि के रेट पांच लाख से आठ लाख रुपए बिस्वा(यानी एक करोड़ से डेढ़ करोड़ प्रति बीघा) हैं। इसके विपरीत कंपनी द्वारा आठ से दस लाख रुपए प्रति बीघा की दर से मुआवजा देने की अस्पष्ट आवजें आ रही हैं। यानी कि दस-पंद्रह बीघा भूमि देने के बाद उन्हें मुआवजे की राशि से एक बीघा भूमि भी अंयत्र मिलने वाली नहीं है। दूसरी ओर यहां की सड़कें व पुलों की खस्ता हालत पहले ही किसी से छिपी नहीं है। पर्यावरण के होने वाले नुकसान का दंश कुनिहार, अर्की, डुमैहर इत्यादि क्षेत्रों के लोगों को भुगतना पड़ेगा।


Keep watching our YouTube Channel ‘Divya Himachal TV’. Also,  Download our Android App