बेनामी संपत्तियों पर तपा सदन, चर्चा न किए जाने पर भड़के विपक्ष ने किया वाकआउट

By: राज्य ब्यूरो प्रमुख — शिमला Sep 16th, 2020 11:30 am

मंगलवार को विधानसभा में जमीनी सौदे और बेनामी संपत्तियों के मामले में चर्चा का मौका न मिलने पर विपक्ष सदन से बाहर चला गया। हालांकि कांग्रेस के इस रवैये पर चुटकी लेते हुए सीएम ने कहा कि नेता प्रतिपक्ष बैठे रहे और उनके सहयोगी जगत सिंह नेगी वाकआउट का ऐलान कर बाहर चले गए। मुख्यमंत्री का कहना था कि कांग्रेस को यही पता नहीं है कि विपक्ष का नेता कौन है? न मुद्द हैं और न ही गंभीरता। इस कारण सदन की गरिमा को ठेस पहुंचाकर कांग्रेस के विधायकों का आना-जाना लगा हुआ है। हुआ यूं कि प्रश्नकाल से ठीक पहले सुजानपुर के विधायक राजेंद्र राणा ने बेनामी संपत्तियों और जमीनी सौदों पर चर्चा के लिए नियम-67 के तहत काम रोको प्रस्ताव दिया।

इस पर विधानसभा अध्यक्ष विपिन सिंह परमार ने कहा कि नियम-67 के तहत जो नोटिस मिला है, उस पर सरकार से टिप्पणी मांगी गई है। सरकार से जवाब मिलने के बाद तय किया जाएगा कि चर्चा हो या नहीं। उन्होंने यह भी कहा कि जो तथ्य विपक्ष के विधायक के पास हैं, वे सदन के पटल पर रखें। विपक्ष की ओर से विधायक राजेंद्र राणा इस मुद्दे पर चर्चा चाहते थे, जिनका कहना था कि मंत्रियों पर भी बेनामी संपतियों के आरोप लग रहे हैं। कांग्रेस विधायकों के सदन से बाहर चले जाने को लेकर मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने इसे दुर्भाग्यपूर्ण बताया। उन्होंने कहा कि विपक्ष, विधानसभा अध्यक्ष के आसन के खिलाफ टिप्पणियां कर रहा है, जोकि गलत परंपरा है, जिसे जारी नहीं रखा जा सकता। ऐसी परंपरा चलती रही, तो गलत आदत पड़ जाएगी।

उन्होंने कहा कि विपक्ष में यही पता नहीं कि आखिर नेता है कौन, क्योंकि कोई भी विधायक वाकआउट बोलकर बाहर की ओर चल देते हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि कांग्रेस की हालत खराब हो चुकी है। राष्ट्रीय स्तर पर भी उसके पुराने नेता आज कह रहे हैं कि परिवार मोह से बाहर निकलना जरूरी है। यहां भी कुछ ऐसा ही चल रहा है और इनका वाकआउट पूरी तरह से अनावश्यक है। सरकार के पास जब मामला आएगा, तो सरकार अपनी टिप्पणी देगी। इससे पूर्व प्रश्नकाल शुरू होने से पहले कांग्रेस सदस्य राजेंद्र राणा ने राज्य में जमीन खरीद का मामला उठाया। उन्होंने नियम-67 के तहत विधानसभा अध्यक्ष से इस मामले पर चर्चा करने की इजाजत मांगी, लेकिन अध्यक्ष विपिन सिंह परमार ने उन्हें यह कहकर इजाजत नहीं दी कि मामले को आगामी कार्यवाही के लिए सरकार को भेजा है। परमार ने कहा कि सरकार से उत्तर मिलने के बाद वह इस पर निर्णय लेंगे। इसके बाद विपक्ष ने सदन में भारी हो-हल्ला किया और नारेबाजी की। इस बीच अध्यक्ष के बार-बार आग्रह के बावजूद विपक्षी सदस्य अपनी बात पर अड़े रहे और बात न मानी जाने पर उन्होंने सदन से वाकआउट कर दिया। विधानसभा अध्यक्ष विपिन सिंह परमार ने बताया कि सुबह नियम 67 के तहत कांग्रेस सदस्यों राजेंद्र राणा, आईडी लखनपाल, नंद लाल, मोहन लाल ब्राक्टा और जगत सिंह नेगी ने बेनामी संपत्तियों और जमीन की खरीद-फरोख्त मामले पर चर्चा करने को स्थगन प्रस्ताव का नोटिस दिया है।

 अध्यक्ष ने कहा कि कोरोना मामले पर स्थगन प्रस्ताव पर चर्चा करवाई है, लेकिन कांग्रेस सदस्य अपनी बात पर अड़े रहे और सदन में नारेबाजी करने के बाद विपक्ष ने सदन से वाकआउट कर दिया। मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने इस मामले में कहा कि कोविड पर लंबी चर्चा हुई, जोकि इतिहास बना। दूसरे राज्यों में छोटा सत्र है, परंतु हिमाचल में 10 दिन का सत्र बुलाया गया, ताकि सभी को बात रखने का मौका मिलता। परंतु विपक्ष सदन की गरिमा को तोड़ रहा है। संसदीय कार्यमंत्री सुरेश भारद्वाज ने कहा कि विपक्ष का व्यवहार निंदनीय है। प्रश्नकाल को चलाने के लिए बहुत सी सूचनाएं एकत्र करनी होती हैं। ऐसे में प्रश्नकाल होने चाहिए। भारद्वाज ने कहा कि विपक्ष सनसनी फैलाने कि लिए ऐसे मामले उठाता है। ऐसा विपक्ष सुर्खियों में बने रहने के लिए करता है। उन्होंने कहा कि प्रश्नकाल को बंद कर विपक्ष लाखों रुपए का नुकसान कर रहा है।


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