चार उम्मीदवारों ने भरा नामांकन

कांगड़ा केंद्रीय सहकारी बैंक के निदेशक मंडल के चुनावी कार्यक्रम की शुरुआत होते ही गगरेट जोन के चुनाव रोचक मोड़ लेते जा रहे हैं। वीरवार को इस चुनाव के लिए नामांकन-पत्र दाखिल करने की अंतिम तिथि होने पर विशाल चौहान ने भी नामांकन-पत्र दाखिल कर चुनावी ताल ठोंक दी है। नामांकन-पत्र दाखिल करते समय अपने साथ कृषि सहकारी सभाओं के कई सचिव भी साथ लाकर उन्होंने अपनी ताकत का भी बखूबी एहसास करने का प्रयत्न किया।

गगरेट जोन में अब तक चार उम्मीदवार चुनाव मैदान में सामने आ चुके हैं लेकिन नामांकन-पत्र वापिस लेने के दिन ही स्थिति साफ होगी कि कौन-कौन उम्मीदवार चुनाव मैदान में डटा है। कांगड़ा केंद्रीय सहकारी बैंक के निदेशक मंडल के चुनाव गगरेट जोन में बेहद रोचक हो गए हैं। इस चुनाव के लिए अभी तक चार प्रत्याशी नामांकन-पत्र दाखिल कर चुके हैं लेकिन दिलचस्प यह है कि अभी तक न तो किसी प्रत्याशी ने उसे कांग्रेस का समर्थन प्राप्त होने का दावा किया है और न ही कांग्रेस ने अभी तक किसी प्रत्याशी का समर्थन करने का ऐलान किया है।

गगरेट जोन से इस बार भाजपा प्रदेश कार्यकारिणी सदस्य पंडित राम मूर्ति शर्मा, पूर्व भाजपा मंडल अध्यक्ष व पूर्व निदेशक पवन नंबरदार, भाजपा खेमे से ही गिने जाने वाले गणेश कुमार व विशाल चौहान नामांकन-पत्र दाखिल कर चुके हैं। जाहिर है कि इस चुनाव में लड़ाई भाजपा बनाम कांग्रेस देखने को नहीं मिलेगी बल्कि अभी तक मुकाबला भाजपा के बीच ही होता दिखाई दे रहा है। बेशक यह चुनाव पार्टी सिंबल पर नहीं होते लेकिन सत्तारूढ़ दल का सदैव यह प्रयास होता है कि निदेशक मंडल में सत्तारूढ़ दल के समर्थित उम्मीदवार ही  जीत कर आगे आएं ताकि चेयरमैन पद पर अपने खास की ताजपोशी सुनिश्चित हो सके।

जिस प्रकार इस चुनाव में कांग्रेस पहले ही हथियार डालती प्रतीत हो रही है उससे साफ है कि लड़ाई अब भाजपा के बीच ही रह गई है। हालांकि अभी भी गेंद भाजपा के ही पाले में है क्योंकि चुनाव मैदान में उतरे उम्मीदवार सत्तारूढ़ दल से ही संबंधित है इसलिए देखना यह होगा कि भाजपा इस चुनाव के लिए सर्वसहमति बनाने में सफल होती है या नहीं। अगर सहमति बनती है कि भाजपा बिना मतदान करवाए ही एक सीट अपनी झोली में डाल सकती है लेकिन जानकारों की मानें तो भाजपा के लिए भी आम सहमति बनवाना लोहे के चने चबाने जैसा होगा।