चीन के कर्ज के जाल में बुरी तरह फंस चुका है भारत का पड़ोसी देश मालदीव, सता रहा डर

By: एजेंसियां — माले Sep 19th, 2020 12:06 am

भारत का पड़ोसी देश मालदीव चीन के कर्ज के जाल में बुरी तरह फंस चुका है। अर्थव्यवस्था के आधे से अधिक हिस्सा के बराबर का चीनी कर्ज सिर पर चढ़ जाने की वजह से मालदीव को अब काफी डर सता रहा है। उसे डर है कि विस्तारवादी चीन कर्ज के बदले उसी तरह काफी कुछ हड़पने की कोशिश कर सकता है, जिस तरह उसने श्रीलंका में बंदरगाह को अपने कब्जे में लिया। मालदीव की यह टेंशन कर्ज के आकार की वजह से है। पूर्व की अब्दुल्ला यामीन सरकार ने 2013 से 2018 में बीच बड़े पैमाने पर चीन से कर्ज लिया। चीन के करीबी माने जाने वाले यामीन ने शायद यह नहीं सोचा कि उनका देश इस कर्ज को किस तरह उतार पाएगा।

पूर्व राष्ट्रपति और संसद के मौजूदा स्पीकर मोहम्मद नशीद के मुताबिक, देश पर चीन का 3.1 अरब डालर का कर्ज है, जबकि मालदीव की पूरी अर्थव्यवस्था करीब 4.9 अरब डालर की है। मालदीव पर चीन का कुल कर्ज 3.1 अरब डालर है यानी करीब 2282 करोड़ रुपए है, जबकि भारत के पड़ोसी और पर्यटन पर टिके छोटे से देश की आबादी 5 लाख 16 हजार है। यानी मालदीव के हर व्यक्ति के सिर पर 4.42 लाख रुपए का कर्ज है। अब्दुल्ला यामीन की सरकार ने देश की अर्थव्यवस्था को किक स्टार्ट देने के लिए चीन से दनादन कर्ज लिए। हालांकि, 2018 चुनाव में वह हार गए। मौजूदा सरकार के लिए यह कर्ज अब गले की फांस बन गया है।


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