कोरोना की मार से ठप पड़ा मिठाइयों का कारोबार

By: स्टाफ रिपोर्टर—घुमारवीं Sep 19th, 2020 7:10 am

दुकानों में ग्राहक न पहुंचने से रोजगार चलाना मुश्किल, सिमट कर 30 फीसदी रह गया काम

घुमारवीं-कोरोना महामारी की मार से मिठाइयों का कारोबार ठप पड़ा है। मिठाई का कारोबार आधे से भी कम रह गया है। कोरोना के संकट में मिठाइयों से लोग तौबा कर रहे हैं। दुकानों पर केवल 35 से 40 फीसदी ही काम रह गया है। 60 से 65 फीसदी व्यापार मंदा होने से मिठाई के दुकानदारों को हजार दिक्कतें झेलनी पड़ रही हैं। कोरोना माहामारी के कारण बाजार सूना पड़ा है। ग्राहकों के न आने से मिठाई के कारोबारियों का धंधा मंदा है। मिठाइयों का कारोबार करने वाले कारोबारियों ने प्रदेश सरकार से टैक्स व बिजली बिलों सहित अन्य में राहत देने की गुहार लगाई है। मिठाई कारोबार से जुड़े लोगों के अनुसार उनकी हालत बेहद खराब है। लाकडाउन होने तथा कंटेनमेंट जोन बनने से स्टॉक में रखी मिठाइयां खराब हो गई थीं। जिन्हें फेंका गया था। जिससे दुकानदारों को काफी आर्थिक नुकसान झेलना पड़ा। जानकारी के मुताबिक घुमारवीं बाजार में लगभग 15 से 20 मिठाइयों की दुकानें हैं।

जिनमें करीब 400 लोग काम करते हैं। लॉकडाउन होने से पहले मिठाइयों का कारोबार काफी फल-फूल रहा था। जिसके कारण मिठाइयों के कारोबार से सैंकड़ों लोगों के परिवार का पालन-पोषण हो रहा था। कई दुकानदार तो मिठाई की दुकानें बंद करके दूसरा धंधा करने पर विचार कर रहे हैं।  ज्ञान स्वीट शॉप के मालिक राकेश मेहता का कहना है कि कोरोना महामारी के कारण मिठाइयों का कारोबार ठप पड़ा है। ग्राहक कम आने से काम न के बराबर रह गया है। दुकानों में केवल 35 से 40 प्रतिशत काम ही शेष रह गया है।  सरकार मिठाई के कारोबारियों को टैक्स में राहत दें। जिससे दुकानदार अपनी आजीविका चला सके।  अन्नपूर्णा स्वीट्स शॉप के मालिक राहुल गुप्ता ने बताया कि कोरोना  महामारी के कारण मिठाइयां का कारोबार फीका पड़ गया है। वंदना स्वीट्स शॉप के मालिक अविनाश नड्डा का कहना है कि दुकान पर केवल 35 से 40 प्रतिशत ही काम रह गया है।  काम प्रभावित होने से उन्हें काफी घाटा उठाना पड़ रहा है। सरकार मिठाई के कारोबारियों को कुछ राहत दे।


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