देवी के शस्त्रों का रहस्य

By: श्रीश्री रवि शंकर Sep 5th, 2020 12:20 am

मां दुर्गा की कहानी के पीछे यह संदेश है कि कर्म की अपनी जगह होती है। केवल अकेले संकल्प के होने से काम नहीं होता। देखिए भगवान ने हमें हाथ और पैर दिए हैं ताकि हम काम कर सकें। देवी माता के इतने सारे हाथ क्यों हैं। इसका तात्पर्य यह है कि भगवान भी काम करते हैं और केवल एक हाथ से नहीं, हजारों हाथों से और हजारों तरीकों से…

जब भी धरती पर अधर्म फैलता है, तो भगवान उसका विनाश करने के लिए किसी न किसी रूप में जरूर आते हैं। हिंदू धार्मिक कथाओं में कई किस्से और कहानियां इस बात की पुष्टि करती हैं। जब असुरों ने धरती पर हाहाकार मचाया, तो देवताओं ने अपनी रक्षा के लिए मां से प्रार्थना की और मां ने असुरों का संहार किया। तब तीनों लोकों में मां की जय-जयकार होने लगी। देवी दुर्गा की एक कहानी के अनुसार एक बार देवताओं ने उनसे पूछा कि देवी, आपने इन शस्त्रों को क्यों उठा रखा है? आप अपनी एक हुंकार से सभी दानवों का विनाश कर सकती हैं। तब कुछ देवताओं ने स्वयं ही उत्तर देते हुए कहा, आप इतनी दयावान हैं कि आप दानवों को भी अपने शस्त्रों के माध्यम से शुद्ध कर देना चाहती हैं। आप उन्हें मुक्त करना चाहती हैं और इसीलिए आप ऐसा कर रहीं हैं।

देवी दुर्गा के रूप का गहरा अर्थ

मां दुर्गा की कहानी के पीछे यह संदेश है कि कर्म की अपनी जगह होती है। केवल अकेले संकल्प के होने से काम नहीं होता। देखिए भगवान ने हमें हाथ और पैर दिए हैं ताकि हम काम कर सकें। देवी माता के इतने सारे हाथ क्यों हैं। इसका तात्पर्य यह है कि भगवान भी काम करते हैं और केवल एक हाथ से नहीं, हजारों हाथों से और हजारों तरीकों से। देवी के पास असुरों का विनाश करने के हजारों तरीके हैं। वे एक फूल से भी अधर्म का विनाश कर सकती हैं, जैसे गांधीगिरी। इसीलिए देवी अपने हाथों में फूल लिए हैं ताकि फूल से ही काम हो जाए और फिर शंख बजाकर, ज्ञान प्रसारण करके भी। अगर वह भी काम नहीं करता, तो फिर वे सुदर्शन चक्र का उपयोग करती हैं। इसलिए उनके पास एक से अधिक उपाय हैं। यह इस बात का प्रतीक है कि इस विश्व में परिवर्तन लाने के लिए, केवल कोई एक ही युक्ति काम नहीं करती। आपको बहुत से तरीके ढूंढने पड़ते हैं।

देवी दुर्गा के रूप का असर हमारे रिश्ते और जीवन में

यही बात हमारे रिश्तों में भी है। हम हर परिस्थिति में हठ नहीं कर सकते। यदि आप अपने पिता के साथ हर समय हठ करेंगे और फिर उम्मीद करेंगे कि बात बन जाए, तो ऐसा नहीं होगा। कभी प्यार, कभी हठ करना और कभी-कभी गुस्सा करने से काम होता है। बच्चों के साथ भी यही है। देखिए किस तरह मां-बाप बच्चों को बड़ा करते समय तरह-तरह की युक्ति और व्यवहार करते हैं। हर बार डंडे का प्रयोग करने से काम नहीं बनेगा। कभी-कभी उन्हें प्यार से भी काम करवाना पड़ेगा। तो यही बात कही गई है। हर समस्या के बहुत से समाधान हो सकते हैं और इसीलिए देवी इतने सारे अस्त्र-शस्त्रों से सुसज्जित है।


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