दो हफ्ते में दो डाक्टरों की ट्रांसफर

By: नगर संवाददाता-सैंज Sep 20th, 2020 7:05 am

सैंज घाटी की 15 पंचायतों  को स्वास्थ्य सुविधा मुहैया करवाने वाला सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र सैज को सरकार व स्वास्थ्य विभाग ने फिर एक डाक्टर के सहारे छोड़ दिया है। कहने को तो सैंज अस्पताल को समुदायिक स्वास्थ्य केंद्र का दर्जा प्राप्त है, लेकिन यहां सुविधाएं प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र की भी नहीं है। हैरानी वाली बात यह है कि 25 हजार आबादी की जनता को स्वास्थ्य सुविधा मुहैया करवाने वाला सैंज अस्पताल की सुध लेने वाला कोई नहीं है, जहां पिछले कई वर्षों से सीएचसी सैंज में चिकित्सकों व पैरामेडिकल स्टाफ की कमी लगातार खल रही है, वहीं प्रदेश सरकार ने आठ माह पूर्व समुदायिक स्वास्थ्य केंद्र सैंज को दूसरा डाक्टर भेजकर घाटी की जनता का दुख दर्द समझा था, लेकिन अब हाल ही में प्रदेश सरकार ने दो सप्ताह के भीतर समुदायिक स्वास्थ्य केंद्र सैंज से दो डाक्टरों की ट्रांसफर कर जनता को दुविधा में डाल दिया है।

सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र सैंज में एक डाक्टर होने के कारण जहां घाटी की जनता को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है, वहीं अस्पताल में तैनात एक डाक्टर सुबह से लेकर शाम पांच बजे तक मरीजों की लगातार जांच पड़ताल करने में व्यस्त रहते हैं। कई बार तो डाक्टर को लंच करने तक का भी समय नहीं मिल पाता है। घाटी के जनप्रतिनिधियों ने जनता को हो रही सुविधाओं का मामला उठाते हुए सरकार को चेताया है कि सैंज अस्पताल में रिक्त पदों को जल्द भरा जाए अन्यथा घाटी की जनता जनप्रतिनिधि व समाजिक संगठन सरकार के नुमाइंदों का घेराव करेंगे।

सैंज घाटी से संबंध रखने वाले छापे राम, तापे राम, हुकम राम, चुन्नीलाल, रमेश ठाकुर, दास आदि में बताया कि सरकार ने बड़ी मुश्किल के बाद आठ माह पूर्व दूसरा डाक्टर सैंज हस्पताल को भेजा था, लेकिन अब फिर दो डाक्टरों की  ट्रांसफर कर सैंज घाटी की 25 हजार आबादी को एक डाक्टर के सहारे छोड़ दिया है, जिस कारण आपातकालीन सेवा में  घाटी की जनता को इलाज करने के लिए कुल्लू पहुंचना पड़ता है। उन्होंने कहा कि सरकार ने घाटी की जनता को चंद महीनों के लिए डाक्टर भेज कर बहुत बड़ा धोखा किया है, जिस कारण सैंज घाटी की जनता का विश्वास अब सरकार से उठने लगा है। सैंज घाटी को स्वास्थ्य सुविधा मुहैया करवाने वाला सैंज अस्पताल फिर एक डाक्टर के सहारे चल रहा है और घाटी के लोगों को आजादी के सात दशक बाद भी हास्पिटल  में रात में कोई भी सुविधा नहीं मिल पा रही है।

क्या कहते हैं जनप्रतिनिधि

संयुक्त संघर्ष समिति के अध्यक्ष महेश शर्मा ने कहा कि स्थानीय विधायक द्वारा पहले भी समिति को आश्वासन दिया था की इस हास्पिटल में दिन-रात सेवाएं मिलेंगी और इस हास्पिटल के ग्रेड को भी बढ़ाया जाएगा, लेकिन ऐसा कुछ नहीं हुआ है। वहीं, समिति के वरिष्ठ उपाध्यक्ष नारायण चौहान ने कहा कि स्वास्थ्य विभाग व सरकार की नाकामी के कारण लोगों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है, लेकिन सरकार स्वास्थ्य विभाग व प्रशासन आंखें मूंदकर बैठा है। सैंज घाटी में पांच बजे के बाद लोगों को डर का माहौल रहता है कि कुछ हो गया तो वे कहां जाएं और कहा अपना इलाज करवाएं। उन्होंने कहा कि यह जनहित मुद्दा है और विधायक महोदय ने खुद संघर्ष समिति को आश्वासन दिया था कि जल्द से सैंज अस्पताल मे रिक्त पदों को भरा जाएगा ।


Keep watching our YouTube Channel ‘Divya Himachal TV’. Also,  Download our Android App