हरसिमरत कौर का इस्तीफा; कृषि विधेयकों पर एनडीए में पड़ी फूट

By: दिव्य हिमाचल ब्यूरो — नई दिल्ली Sep 18th, 2020 12:12 am

संसद में प्रस्तावित कृषि बिल पर मोदी सरकार को बड़ा झटका लगा है। कृषि बिल पर एनडीए में फूट पड़ गई है। मोदी सरकार में अकाली दल की एकमात्र प्रतिनिधि केंद्रीय खाद्य प्रसंस्करण मंत्री हरसिमरत कौर बादल ने बिल के विरोध में गुरुवार को मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया। अकाली दल, भाजपा की सबसे पुरानी सहयोगी पार्टी है और इस बिल पर उनका इस्तीफा केंद्र सरकार के लिए एक बड़ा झटका है।  हालांकि, शिरोमणि अकाली दल का सरकार को समर्थन जारी रहेगा। इस्तीफे की जानकारी हरसिमरत कौर बादल ने ट्वीट कर दी।

उन्होंने कहा कि मैंने किसान विरोधी अध्यादेशों और कानून के विरोध में केंद्रीय मंत्रिमंडल से इस्तीफा दे दिया है। किसानों के साथ उनकी बेटी और बहन के रूप में खड़े होने का गर्व है। इससे पहले कृषि उपज व्यापार और वाणिज्य (संवर्द्धन और सुविधा) विधेयक-2020, कृषक (सशक्तिकरण एवं संरक्षण) कीमत आश्वासन समझौता और कृषि सेवा पर करार विधेयक-2020 पर चर्चा में भाग लेते हुए अकाली नेता सुखबीर बादल ने लोकसभा में कहा था कि शिरोमणि अकाली दल किसानों की पार्टी है और वह कृषि संबंधी इन विधेयकों का विरोध करती है। निचले सदन में चर्चा के दौरान कांग्रेस के आरोपों को खारिज करते हुए उन्होंने कहा कि शिरोमणि अकाली दल ने कभी भी यू-टर्न नहीं लिया। हम एनडीए के साथी हैं। हमने सरकार को किसानों का भगवान बता दिया। हमने इस विषय को हर मंच पर उठाया। हमने प्रयास किया कि किसानों की आशंकाएं दूर हों, लेकिन ऐसा नहीं हो पाया। उन्होंने कहा कि पंजाब के किसानों ने अन्न के मामले में देश को आत्मनिर्भर बनाने के लिए महत्त्वपूर्ण योगदान दिया है। पंजाब में लगातार सरकारों ने कृषि आधारभूत ढांचा तैयार करने के लिए कठिन काम किया, लेकिन यह अध्यादेश उनकी 50 साल की तपस्या को बर्बाद कर देगा।

अकाली दल नेता ने लोकसभा में कहा कि मैं घोषणा करता हूं कि हरसिमरत कौर बादल सरकार से इस्तीफा देंगी। गौरतलब है कि केंद्रीय खाद्य प्रसंस्करण मंत्री हरसिमरत कौर बादल मोदी सरकार में अकाली दल की एकमात्र प्रतिनिधि थीं। उधर, कांग्रेस, डीएमके, तृणमूल कांग्रेस सहित कई विपक्षी दलों ने कृषि उपज एवं कीमत आश्वासन संबंधी विधेयकों को किसान विरोधी करार देते हुए गुरुवार को लोकसभा में आरोप लगाया कि इन विधेयकों से जमाखोरी, कालाबाजारी को बढ़ावा मिलेगा तथा उद्योगपतियों एवं बिचौलियों को फायदा होगा, जबकि किसान बर्बाद हो जाएंगे। वहीं, भाजपा ने कहा कि आत्मनिर्भर भारत, स्वावलंबी भारत बनाने के लिए यह कानून बन रहा है, जो ऐतिहासिक साबित होगा। ये विधेयक कृषि क्षेत्र में सुधार के लिए महत्त्वपूर्ण कदम हैं, जो किसानों को मजबूत और समृद्ध बनाएंगे।

इन तीन विधेयकों का किया जा रहा विरोध

कृषि उपज व्यापार और वाणिज्य (संवर्द्धन और सुविधा) विधेयक-2020, कृषक (सशक्तिकरण एवं संरक्षण) कीमत आश्वासन समझौता और कृषि सेवा पर करार विधेयक-2020

विपक्ष का आरोप

कांग्रेस, डीएमके, तृणमूल कांग्रेस सहित विपक्षी दलों का आरोप है कि इन विधेयकों से जमाखोरी, कालाबाजारी को बढ़ावा मिलेगा तथा उद्योगपतियों एवं बिचौलियों को फायदा होगा, जबकि किसान बर्बाद हो जाएंगे।

भाजपा का पक्ष

आत्मनिर्भर भारत, स्वावलंबी भारत बनाने के लिए ये कानून लाए जा रहे हैं, जो ऐतिहासिक साबित होंगे। ये विधेयक कृषि क्षेत्र में सुधार के लिए महत्त्वपूर्ण कदम हैं, जो किसानों को मजबूत और समृद्ध बनाएंगे।


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