अवैध खनन पर हाई कोर्ट के आदेश, कोर्ट में हाजिर हों खनन अधिकारी मंडी

By: विधि संवाददाता—शिमला Sep 23rd, 2020 12:12 am

अवैध खनन पर हाई कोर्ट के आदेश, हलफनामा भी दायर करने को कहा

उच्च न्यायालय ने मंडी के खनन अधिकारी को एक हलफनामा दायर करने और सुनवाई की अगली तारीख को कोर्ट में मौजूद रहने के आदेश दिए हैं। हलफनामे में विशेष रूप से सोन, बाकर, सतीर, नालद, बल्यान, एलन और च्सावल खड्ड क्षेत्र से संबंधित सभी विवरण शामिल करने को कहा है, जहां अवैध खनन गतिविधियां चल रही हैं। मुख्य न्यायाधीश लिंगप्पा नारायण स्वामी और न्यायमूर्ति अनूप चिटकारा की खंडपीठ ने एक याचिका पर यह आदेश पारित किए, जिसमें मंडी के विभिन्न नालों व खड्डों में अवैध खनन और पर्यावरण, सार्वजनिक सड़कों व सार्वजनिक जल योजनाओं आदि पर इसके हानिकारक प्रभाव पर प्रकाश डाला गया है।

याचिकाकर्ताओं का आरोप है कि खनन माफिया दिन के उजाले में करोड़ों रुपए के अपने लघु खनिजों से राज्य को लूट रहे हैं और राज्य सरकार इस तरह के अवैध खनन गतिविधियों पर चुप है। उन्होंने कहा है कि खनन विभाग कर्मचारियों की कमी का हवाला देता है और पर्यावरण विभाग अपने दायर हलफनामों में गलत तथ्य बताते हुए राष्ट्रीय हरित अधिकरण और अन्य न्यायालयों को गुमराह करता है।

उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि पीडब्ल्यूडी और आईपी एंड एच डिपार्टमेंट के अलावा 35 अन्य विभाग अवैध खनन को रोकने के लिए विशेष शक्तियों के साथ खड़े हैं, लेकिन वही विफल हो गए हैं। याचिकाकर्ताओं ने आरोप लगाया कि उन्होंने इस संबंध में सरकारी मोबाइल ऐप मुख्यमंत्री सेवा संकल्प पर भी शिकायतें दर्ज कीं, लेकिन अवैध खनन को स्थायी रूप से रोकने के लिए कभी कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया।

बाड़़बंदी की जाए

याचिकाकर्ताओं ने हाई कोर्ट से अधिकारियों को बाड़बंदी, कैमरा लगाने, नदी के तल से प्रवेश और निकास बिंदु स्थापित करने, अवैध खनन के दौरान पकड़े गई मशीनों और वाहनों के पंजीकरण प्रमाण पत्रों और ड्राइविंग लाइसेंस रद्द करने के आदेश दिए जाने की गुहार लगाई।  मामले को अगली सुनवाई के लिए 25 सितंबर के लिए रखा है।


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