प्रदेश में इतने हैं होम्योपैथिक स्वास्थ्य केंद्र, संसद में suresh kashyap ने उठाया मामला

By: सिटी रिपोर्टर, शिमला Sep 25th, 2020 4:32 pm

राज्य में होम्योपैथिक का कार्य ऊंट के मुंह में जीरे के सम्मान

सिटी रिपोर्टर, शिमला
हिमाचल प्रदेश में होम्योपेथिक का कार्य ऐसे है, जैसे ऊंट के मुंह में जीरा हो। जी हां दिल्ली की संसद में सांसद सुरेश कश्यप ने यह मामला उठाया। सांसद द्वारा हिमाचल में होम्योपेथिक पर होने वाले कार्यो का मामला उठाने के बाद प्रदेश के होम्योपैथिक चिकित्सकों को भी उम्मीद की एक किरण जगी है। हिमाचल होम्योपैथिक चिकित्सक संघ ने भाजपा प्रदेशाध्यक्ष एवं शिमला संसदीय क्षेत्र के सांसद सुरेश कश्यप का धन्यवाद किया है। संघ के महासचिव डा. अवनीश कुमार ने कहा कि प्रदेश सरकार केंद्र प्रायोजित राष्ट्रीय आयुष मिशन के अंतर्गत हिमाचल में भी होम्योपैथी के प्रसार के लिए कदम उठाए।

उन्होंने कहा कि हिमाचल में अभी होम्योपैथी के चिकित्सा केंद्र केवल जिला स्तर तक ही सीमित हैं। उन्होंने सरकार से मांग उठाई है कि हिमाचल में अब पीएचसी व सीएचसी के स्तर पर होम्योपैथी के केंद्र खोले जाए, और वहां पर होम्योपैथिक चिकित्सकों को नियुक्तियां दी जाए, ताकि हिमाचल की जनता इस अद्वितीय चिकित्सा प्रणाली का लाभ ले सके। इस अवसर पर संघ के पदाधिकारी डा. विनोद नेगी, डा. सुनील सहोत्रा, डा. विवेक परमार एवं डा. रजनीश कौशल भी मौजूद रहे।

होम्योपैथिक चिकित्सक संघ के महासचिव ने कहा कि प्रदेश में मौजुदा समय की बात करे तो 2158 हैल्थ उपकेंद्र, 540 प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, 76 उप जिला अस्पताल, 15 जिला अस्पताल एलोपैथी के हैं। जहां तक आयुष चिकित्सा-प्रणाली केंद्रों की बात है, तो हिमाचल में 2 क्षेत्रीय अस्पताल , 30 आयुर्वेदिक अस्पताल, 1150 आयुर्वेदिक स्वास्थ्य केंद्र, एक प्राकृतिक चिकित्सा केंद्र, 3 यूनानी चिकित्सा केंद्र 19 क्षार सूत्र केंद्र, 17 पंचकर्मा केंद्र हैं, परंतु इतने वर्षों में होम्योपैथी के केवल और केवल 14 होम्योपैथिक स्वास्थ्य केंद्र हैं।

हिमाचल में इस समय लगभग 650 पंजीकृत चिकित्सक है। प्रदेश में एक होम्योपैथिक मेडिकल कालेज निजी क्षेत्र में चल रहा है जो की सरकार से मान्यता प्राप्त है। इस कॉलेज से हर वर्ष लगभग 50 बच्चे होम्योपैथिक डाक्टर बन कर निकलते हैं।


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